अयोध्या।सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ का नाम गुरुवार को रामनगरी अयोध्या के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित हो गया।राम मंदिर में राजा राम और परकोटे में विराजमान अन्य देवी-देवताओं की प्राण प्रतिष्ठा का भव्य आयोजन हुआ। इस भव्य आयोजन के साक्षी खुद सीएम योगी बने।आज पांच जून को सीएम योगी का 53वां जन्मदिन भी है। इस मौके पर सीएम ने प्रभु श्रीराम का आशीर्वाद लिया।प्राण प्रतिष्ठा समारोह का कार्यक्रम सुबह 11 बजे से शुरू हुआ।इस अवसर पर विशेष पूजा-अर्चना,हवन और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ देव विग्रहों की स्थापना हुई।
रामनगरी के संत समुदाय का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राम मंदिर निर्माण और अयोध्या के विकास के माध्यम से रामनगरी का खोया हुआ गौरव लौटाया है।आठ वर्षों में अयोध्या में 32 हजार करोड़ से अधिक विकास परियोजनाओं ने शहर को वैश्विक स्तर पर नई पहचान दी है। सड़क,रेल,हवाई अड्डा,सौंदर्यीकरण और पर्यटन से जुड़ी परियोजनाओं ने अयोध्या को विश्व नक्शे पर चमकदार बनाया है।रामकथा पार्क,सरयू तट का सौंदर्यीकरण और आधुनिक सुविधाओं से युक्त मंदिर परिसर इसकी बानगी हैं।मुख्यमंत्री के जन्मदिन पर अयोध्या में उत्साह का माहौल है।
संत-महंतों ने सीएम योगी की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में अयोध्या आध्यात्मिक और सांस्कृतिक राजधानी के रूप में उभरी है।सरयू त्रयोदशी जन्मोत्सव के अवसर पर नदी तट पर विशेष आरती और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित होंगे। प्रशासन ने इस भव्य आयोजन के लिए सुरक्षा और व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए हैं।देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनने अयोध्या पहुंच रहे हैं। यह दिन न केवल आध्यात्मिक, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का भी प्रतीक बनेगा।
महंत मिथिलेश नंदिनी शरण ने कहा कि यह बहुत ही हर्ष का विषय है कि एक संन्यासी ने प्रदेश के आध्यात्मिक मूल्यों को समझा और ऊर्जावान बना दिया। आज आजीविका के लिए अयोध्या के लोगों को बाहर जाना नहीं पड़ता,यहीं लोग व्यवसाय कर रहे हैं,कोई प्रसाद का तो कोई फूल माला। उन्होंने कहा कि बाहर से व्यापारी आकर होटल इत्यादि में पैसा लगा रहे हैं।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या का सांस्कृतिक,आर्थिक व आध्यात्मिक विकास किया है। आज गूगल पर अयोध्या सर्च कीजिये तो सबसे पहले दीपोत्सव की छवि बनकर आती है।
बता दें कि सीएम योगी का रामनगरी अयोध्या से संबंध केवल एक सीएम के रूप में नहीं,बल्कि एक संत,राम भक्त और राम मंदिर आंदोलन के सक्रिय सहयोगी के रूप में है। सीएम योगी की नीतियां और कार्य रामनगरी अयोध्या को एक वैश्विक धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में केंद्रित हैं।गोरखनाथ मठ की तीन पीढ़ियां राम मंदिर आंदोलन से जुड़ी रही हैं।सीएम योगी का रामनगरी अयोध्या से गहरा आध्यात्मिक,ऐतिहासिक और सियासी संबंध है। सीएम योगी का यह जुड़ाव व्यक्तिगत आस्था से लेकर पीढ़ियों से चले आ रहे राम मंदिर आंदोलन तक फैला हुआ है।