एनपीए के दबाव से घाटे से उबर नहीं पा रहे बैंक

बैंकिंग क्षेत्र में लगातार बढ़ती गैर निष्पादित अस्तियां यानी एनपीए के दबाव के चलते बैंकों की स्थिति में सुधार नहीं आ रहा है। चौथी तिमाही के दौरान बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) समेत पांच सार्वजनिक बैंकों को कुल मिलाकर 6,751 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है।

14 May 2016 |  1198

बैंकिंग क्षेत्र में लगातार बढ़ती गैर निष्पादित अस्तियां यानी एनपीए के दबाव के चलते बैंकों की स्थिति में सुधार नहीं आ रहा है। चौथी तिमाही के दौरान बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) समेत पांच सार्वजनिक बैंकों को कुल मिलाकर 6,751 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। इन बैंकों की यह स्थिति फंसा हुआ कर्ज बढ़ने की वजह से है। इसमें यूको बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक और देना बैंक शामिल हैं। बैंक के लिए सुधारात्मक कदम उठाने की जरूरत घाटा झेल रहे कुछ बैंकों के एनपीए का स्तर आरबीआई द्वारा तय की गई सीमा के स्तर के ऊपर चला गया है। रिजर्व बैंक के निर्देशों के मुताबिक एनपीए का स्तर बैंकिंग क्षेत्र में लगातार बढ़ती गैर निष्पादित अस्तियां यानी एनपीए के दबाव के चलते बैंकों की स्थिति में सुधार नहीं आ रहा है। चौथी तिमाही के दौरान बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) समेत पांच सार्वजनिक बैंकों को कुल मिलाकर 6,751 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। इन बैंकों की यह स्थिति फंसा हुआ कर्ज बढ़ने की वजह से है। इसमें यूको बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक और देना बैंक शामिल हैं। बैंक के लिए सुधारात्मक कदम उठाने की जरूरत घाटा झेल रहे कुछ बैंकों के एनपीए का स्तर आरबीआई द्वारा तय की गई सीमा के स्तर के ऊपर चला गया है। रिजर्व बैंक के निर्देशों के मुताबिक एनपीए का स्तर