धर्म परिवर्तन और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों का मास्टरमाइंड छांगुर बाबा कागजी ट्रस्ट से जुटा रहा था फंड,बिना दुबई गए ही वहां की सरकार से जारी हुआ ये प्रमाणपत्र

धर्म परिवर्तन और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों का मास्टरमाइंड छांगुर बाबा कागजी ट्रस्ट से जुटा रहा था फंड,बिना दुबई गए ही वहां की सरकार से जारी हुआ ये प्रमाणपत्र

08 Jul 2025 |  33

 

बलरामपुर।धर्म परिवर्तन और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों का मास्टरमाइंड जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा का गिरोह संगठित रूप से कार्य कर रहा था।पारिवारिक समस्या हो या फिर गरीबी से परेशान लोगों को तलाशने के साथ ही छांगुर बाबा के फंड को खपाने की रणनीति भी तैयार होती थी। 

 

चंदा जुटाने और उसे विदेश भेजने के लिए बाकायदा ट्रस्ट और संस्थाएं तैयार की गईं थीं।छांगुर बाबा ने आस्वी इंटरप्राइजेज, आस्वी चैरिटेबल ट्रस्ट,आसिपिया हसनी हुसैनी कलेक्शन, बाबा ताजुद्दीन आस्वी बुटीक जैसी संस्थाओं को कागजों में तैयार किया। 

 

दो बैंकों में इन संस्थाओं के आठ खाते खुलवाए।छांगुर बाबा ने अपने एक बैंक खाते से विदेशी खाते में छह लाख रुपये जमा किए। इसके साथ ही नेफ्ट के माध्यम से 10 लाख रुपये जमा किए। छांगुर बाबा के सहयोगियों के खातों से भी लेनेदन होता रहा है। 

 

छांगुर बाबा ट्रस्ट के जरिए इस्लाम धर्म का प्रचार-प्रसार भी कर रहा था।छांगुर बाबा की धर्म परिवर्तन कराने की मुहिम को पुणे के एक प्रभावशाली व्यक्ति इदुल इस्लाम की मदद मिलती थी, जिससे छांगुर बाबा ने पूरे देश में पांव पसारने की तैयारी में था। 

 

यूपी एटीएस की जांच के मुताबिक छांगुर बाबा देश के कई राज्यों में जमीन खरीद कर अपना ठिकाना बना रहा था,जिसके लिए वह लगातार धन जुटा रहा था।यूपी एटीएस की जांच में एक बड़ा खुलासा हुआ,जिसमें नवीन रोहरा, नीतू नवीन रोहरा और नवीन की बेटी का धर्म परिवर्तन दुबई से कराया जाना दिखाया गया। दुबई में 16 नवंबर 2015 को अल फारूक्यू कमर बिन खताब सेंटर में धर्म परिवर्तन कराया गया,जिसे दुबई सरकार के इस्लामिक अफेयर एवं चैरिटेबल एक्टिविटी डिपार्टमेंट से प्रमाणित किया गया। एटीएस को पासपोर्ट की जांच से पता चला कि नवीन, नीतू आदि 16 नवंबर 2015 को दुबई में थे ही नहीं।ऐसे में धर्म परिवर्तन की प्रक्रिया भी सवालों से घिर गई है।

 

 बता दें कि आजमगढ़ के देवगांव में छांगुर बाबा के रिश्तेदार और सहयोगियों पर धर्म परिवर्तन कराने की एफआईआर दर्ज है। साल 2023 में ये एफआईआर दर्ज हुई थी,इसमें छांगुर बाबा के भतीजे सबरोज,रशीद,साले का लड़का शहाबुद्दीन और रिश्तेदार गोंडा के रेतवागाड़ा के रमजान को नामजद करते हुए 18 लोगों पर एफआईआर दर्ज हुई थी।इससे साफ है कि आजमगढ़ में छांगुर बाबा अपना ठिकाना बना रहा था।छांगुर बाबा का एक और करीबी चर्चा में है,उतरौला के मोहम्मद अहमद खान का नाम भी जुड़ा है। इसके खिलाफ गोमतीनगर थाने में साल 2019 में दर्ज हुई एफआईआर में गिरफ्तारी का आदेश जारी हुआ है। 4 जुलाई को लखनऊ के एसीजेएस प्रथम न्यायालय में सुनवाई थी। मोहम्मद अहमद पेश नहीं हुआ,जिस पर न्यायालय ने गैर जमानती वारंट जारी किया है। स्थानीय पुलिस मोहम्मद अहमद की तलाश कर रही है।

 

जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा मूल रूप से रेहरामाफी गांव का रहने वाला है।वहीं से छांगुर बाबा अंगूठी-नग बेचने का काम शुरू किया था।सियासत में दांव आजमाने के लिए 2015 में पंचायत का चुनाव लड़ा और प्रधान बना।यहीं से छांगुर बाबा का दबदबा बढ़ने लगा।गांव के कई लोग छांगुर बाबा जुड़ने लगे।तभी छांगुर बाबा धर्म परिवर्तन कराकर अपनी साख बनाने की सोची।साथ ही सियासत में बेटे महबूब को मजबूत करने की रणनीति बनाई।साल 2022 के पंचायत चुनाव में बेटे महबूब को प्रधानी का चुनाव लड़ाया,मोटी रकम भी खर्च की, लेकिन महबूब प्रधानी का चुनाव हार गया।नवीन और नीतू का धर्म परिवर्तन कराने के बाद छांगुर बाबा के पास पैसे की कमी दूर हो गई।छांगुर बाबा बेटे को प्रधानी की ही सियासत में सफल बनाने की योजना पर काम कर रहा था।इसी दौरान छांगुर बाबा यूपी एटीएस के शिकंजे में आ गया। 

 

धर्म परिवर्तन के बाद नवीन रोहरा और नीतू ही छांगुर बाबा के बगलगीर थे।छांगुर बाबा कीपैड वाला साधारण मोबाइल ही रखता था।नीतू एंड्रायड मोबाइल रखती थी।यही नहीं छांगुर बाबा को नवीन ही लग्जरी वाहन से लेकर चलता था।नवीन वाहन चलाता था और नीतू हमेशा साथ ही रहती थी।

ट्रेंडिंग