काशी में उफान पर गंगा,घाटों का टूटा आपस में संपर्क, किनारे के कई मंदिर हुए जलमग्न 

काशी में उफान पर गंगा,घाटों का टूटा आपस में संपर्क, किनारे के कई मंदिर हुए जलमग्न 

07 Jul 2025 |  56

 

वाराणसी।आध्यात्मिक नगरी काशी में गंगा उफान पर है। लगातार बढ़़ते जलस्तर से कई घाटों का आपस में सम्पर्क टूट गया है।जिला प्रशासन ने नाविकों के साथ बैठक करने के बाद छोटी नावों के संचालन पर रोक लगा दी है।पुलिस की टीमें लगातार लोगों को चेतावनी भी दे रही हैं।

 

बता दें कि शनिवार को दोबारा से गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी देखी गई,जो रविवार रात तक 2 सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़़ रहा था।बरहाल सोमवार सुबह से गंगा का जलस्तर स्थिर है।आज सुबह आठ बजे गंगा का जलस्तर 62.98 दर्ज किया गया है।गंगा का वार्निंग लेबल 70.26, जबकि खतरे का निशान 71.26 पर है। वहीं हाइएस्ट फ्लड लेवल 73.90 का रिकार्ड 1978 में दर्ज है।

 

निचले इलाकों में प्रशासन कर रहा निगरानी

 

एक तरफ गंगा काशी में स्थिर है तो वहीं गाजीपुर और फाफामऊ में अभी भी गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी जारी है। काशी में सभी 84 घाटों के अलावा वरुणा के दबाव को झेलने वाले इलाकों पर सिविल पुलिस,जल पुलिस के साथ एनडीआरएफ ने पैनी नजर रखी हुई है।बीते दिनों खुद काशी जोन के एडीसीपी सरवण टी ने एनडीआरएफ के साथ अस्सी घाट से लेकर नमो घाट तक बाढ़़ का जायजा लिया और लोगों को गहरे पानी में न जाने की सलाह दी।

 

घाटों के किनारों के मंदिर हुए जलमग्न

 

काशी में कई प्राचीन मंदिर गंगा के किनारे हैं।ये मंदिर काशी को उसकी पहचान दिलाते हैं।बाढ़ का असर घाट के किनारे बने मंदिरों पर भी सीधा पड़ा है।मणिकर्णिका घाट का रत्नेश्वर मंदिर,सिंधिया घाट के मंदिर,पंचगंगा घाट पर बना भव्य शिव मंदिर सहित दशाश्वमेध घाट के कई बड़े़ और छोटे मंदिर गंगा का जलस्तर बढ़़ने से जलमग्न हो चुके हैं।

 

सावधानी बरतने की सलाह

 

गंगा के अलावा वरुणा के किनारे पर बड़ी संख्या में लोग रहते हैं।ऐसे में गंगा के बढ़़ते जलस्तर से जिला प्रशासन ने हर साल बनाई जाने वाली बाढ़़ चौकियों पर कर्मचारियों की तैनाती कर दी है।हालांकि अभी गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से दूर है,ऐसे में एनडीआरएफ और जल पुलिस के अधिकारी लगातार लोगों को सतर्कता बरतने और न घबराने की सलाह दे रहे हैं।

ट्रेंडिंग