कटाव निरोधक कार्य पूर्ण होने से पहले गंगा में समाया,7.54 करोड़ की लागत से कटाव निरोधक कार्य की खुली पोल,ग्रामीणों ने कार्य की गुणवत्ता को लेकर की थी शिकायत

कटाव निरोधक कार्य पूर्ण होने से पहले गंगा में समाया,7.54 करोड़ की लागत से कटाव निरोधक कार्य की खुली पोल,ग्रामीणों ने कार्य की गुणवत्ता को लेकर की थी शिकायत

30 Jul 2025 |  50

 

पूर्वांचल सूर्य प्रतिनिधि,साहिबगंज।जिले के उधवा प्रखंड में एक बार फिर जल संसाधन विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है।राजमहल अनुमंडल के उधवा प्रखंड अंतर्गत प्राणपुर से श्रीधर टोली तटबंध पर स्पर संख्या 10 में गंगा नदी के जलस्तर में थोड़ी कमी आने के बाद सोमवार दोपहर को भीषण कटाव हुआ है।इस कटाव से इलाके में अफरा-तफरी मच गई। 7.54 करोड़ की लागत वाला कटाव निरोधक कार्य गंगा में समा गया। जानकारी मिलने पर विभाग के हाथ-पांव फूल गए हैं। 

 

दरअसल प्राणपुर-श्रीधर टोली तटबंध पर गंगा पंप नहर योजना की ओर से स्पर संख्या 10 पर बोल्डर क्रेटिंग कार्य हाल ही में कराया गया था,जो सोमवार को गंगा में समा गया। इस कार्य पर पिछले महीने ही करोड़ों रुपए खर्च किए गए थे। अब विभाग पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं,जिस बोल्डर क्रेटिंग पर लोगों को भरोसा था,वह भी गंगा के घटते जलस्तर का दबाव नहीं झेल सका और उसका एक हिस्सा गंगा नदी में समा गया।इससे कटाव निरोधक कार्य की कलई खुल गई है, और विभाग की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लग रहे हैं। इससे ग्रामीणों में रोष है।बता दें कि गंगा कटाव निरोधक कार्य अभी आधा भी पूरा नहीं हुआ है। 

 

ग्रामीणों का कहना है कि यह कोई नई बात नहीं है, इसी तटबंध का एक बड़ा हिस्सा पिछले साल भी ध्वस्त हुआ था, जिससे हजारों की आबादी प्रभावित हुई थी और करोड़ों का नुकसान हुआ था।उस समय भी करोड़ों की लागत से कार्य हुआ था, लेकिन स्थायित्व नहीं दिखा।अब फिर से वही स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिससे विभाग की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लग रहा है।

 

ग्रामीणों का कहना है कि इसके पूर्व कार्य की गुणवत्ता को लेकर अधिकारियों से शिकायत की थी।शिकायत मिलने के बाद विभाग के कार्यपालक अभियंता बालेश्वर मुर्मू के नेतृत्व में टीम  ने जांच भी की।जांच के दौरान निर्माण कार्य में प्रयुक्त घटिया सामग्री को हटाने का निर्देश उन्होंने दिया था। इसके बावजूद संवेदक ने कार्य में कोई सुधार नहीं किया, जिसका परिणाम आज सबके सामने है।

 

घटना की जानकारी मिलते ही मुख्य अभियंता,कनीय अभियंता,सहायक अभियंता,कार्यपालक अभियंता और वरीय अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रण में लेने की कोशिश की।वरीय अधिकारियों को पिछला और मौजूदा कटाव निरोधक कार्य पर जांच-पड़ताल कर आवश्यक कार्रवाई करने की जरूरत है।

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