भारतीय महिलाओं की रहस्यमयी समस्या, कारण और निदान.
महिलाओं को यह कहते सुना होगा कि शरीर में दर्द रहता है, सर भारी-भारी लगता है, थकान सी रहती है, भूख नहीं लगती, मैं अक्सर बीमार रहती हूँ ...वगैरह वैगरह.
13 Jun 2016 | 4548
हमने सामान्यतः अपने घरों में या आसपास पड़ोस में अक्सर महिलाओं को यह कहते सुना होगा कि शरीर में दर्द रहता है, सर भारी-भारी लगता है, थकान सी रहती है, भूख नहीं लगती, मैं अक्सर बीमार रहती हूँ ...वगैरह वैगरह. ये मुख्यतः गृहणियां होती हैं जिनकी उम्र 25-30 से लेकर आगे कहीं तक हो सकती है. हम भी अक्सर सोंचते हैं कि ऐसा क्या है कि ये हर समय इस तरह की शिकायत करती रहती हैं. सुनने में ऐसा लगता है जैसे ये कोई महिलाओं से संबंधित कोई ख़ास प्रकार की रहस्यमयी बिमारी हो.
पर जैसे ही आप इस रहस्य को डिकोड करने का प्रयास करते हैं तो एक सामन्य सा तथ्य हमारे सामने आता है, ऐसा तथ्य जिसे हम सामन्यतः वाकिफ होतें हैं परन्तु इसके बारे में कभी सोंचने की भी जहमत नहीं उठाते. वह तथ्य है महिलायें और सुबह का नाश्ता. अकसर यह कहा जाता है कि सुबह का नाश्ता दिन का सब से महत्त्वपूर्ण भोजन है. ऐसा इसलिए क्योंकि पूरी रात नींद लेने और 12 घंटे या इस से अधिक समय तक बिना भोजन के रहने के बाद जब आप का शरीर पोषण के लिए तरस रहा होता है, तो उस की आपूर्ति सुबह का नाश्ता ही करता है. इस के अलावा जागने पर आप के मस्तिष्क में, जो काम करने के लिए ग्लूकोज इस्तेमाल करता है, ऊर्जा की कमी होती है. सुबह का नाश्ता ग्लूकोज की मात्रा को बैलेंस करता है और आप के चयापचय (रस प्रक्रिया) को दोबारा क्रियाशील बनाता है.
परन्तु हम गौर से घरों में ऐसी महिलाओं की खानपान की स्थिति पर गौर करें तो कभी व्यस्तता, तो कभी आदतन, और कभी फिटनेस के नाम पर अक्सर सुबह के ब्रेकफास्ट से समझौता करती हैं। और ऐसा करने से वे दिन भर के लिए शरीर की क्षमताओं को कम कर देती हैं। आहार विशेषज्ञों के अनुसार कुछ महिलाएं ब्रेकफास्ट तो छोड़ देती हैं, पर बाद में उन्हें जल्दी भूख लगती है, जिससे वे सामान्य से ज्यादा खा लेती हैं। शोध के अनुसार ब्रेकफास्ट करने वाले और नहीं करने वालों का पूरे दिन में कैलोरी काउंट लगभग एक जैसा पाया गया है। कभी-कभी सुबह का नाश्ता न करने वाले पूरे दिन में ज्यादा कैलोरी ले लेते हैं। इससे वसा नियंत्रित रखने में भी खास फायदा नहीं होता।
यही नहीं इन महिलाओं में एक और बात अमूमन सुनने को मिल जायेगी कि ये नाश्ता तो नहीं करती पर इस दौरान कई बार चाय या काफी ले लेती हैं जिससे फ्रेश महसूस करती रहें. परन्तु विशेषज्ञों की राय माने तो यह भी एक मिथक ही है. एक से दो कप चाय-कॉफी पीना सेहत के लिए कतई नुकसानदायक नहीं है। इतना ही नहीं, चाय शरीर के लिए अच्छे एंटीऑक्सीडेंट का काम करती है, पर अधिक मात्रा में चाय पीना या सुबह उठते ही खाली पेट चाय पीना सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। कारण यह है कि चाय में मौजूद टैनिन्स नाम के तत्व के कारण शरीर को खाने में मौजूद आयरन और जिंक ग्रहण करने में परेशानी होती है। इसी तरह चाय और कॉफी में मौजूद कैफीन शरीर की कैल्शियम को ग्रहण करने की क्षमता में कमी लाता है।
न्यूट्रिशनिस्ट कहते हैं कि सुबह का नाश्ता आप को जागने के बाद 2 घंटे के अंदर कर लेना चाहिए. लेकिन इस में यह भी अहम होता है कि आप क्या खाते हैं. दिन का यह पहला भोजन कैल्सियम, आयरन, प्रोटीन, फाइबर और विटामिन बी जैसे जरूरी पोषक तत्त्वों से भरपूर होना चाहिए. लेकिन आमतौर पर अपने देश में सुबह के नाश्ते में खाई जाने वाली चीजें अच्छे स्वास्थ्य के लिए नहीं बनी होतीं. उन में खूब इस्तेमाल की गई चीनी, मक्खन, घी और तेल वगैरह कभीकभी एक बड़ी समस्या का कारण बनते हैं. चिकनाई व तेलयुक्त भोजन में खराब वसा की उच्च मात्रा होती है, जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है. इस में अत्यधिक कैलोरी और वसा भी खूब होती है, जिस के परिणामस्वरूप मोटापा बढ़ता है और खराब कोलैस्ट्रौल की मात्रा बढ़ती है. धमनियों की भित्तियों पर वसा और प्लाक का धीरेधीरे लेकिन लगातार जमा होना रक्तप्रवाह को बाधित करता है और अंतत: हृदयाघात या स्ट्रोक को जन्म देता है. उच्च कोलैस्ट्रौल पित्त का असंतुलन भी पैदा कर सकता है.
तो सुबह के नाश्ते में क्या खाना है और किस से बचना है? इस सवाल का जवाब यह है कि ऐसी चीजें चुनिए जो फाइबर, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर हों और अतिरिक्त मीठे की मात्रा कम रखती हों. अपने आहार को बदलते रहना भी जरूरी है. एक ही चीज को हर रोज मत खाइए. एक ही दिन में भी नाश्ते की भरपूर विविधता रखिए और थोड़ीथोड़ी मात्रा में हर चीज खाइए. विशेषज्ञों का कहना है कि सुबह से रात में सोने तक अगर चिड़चिड़े, बेचैन, थके हुए या तुनकमिजाज नहीं महसूस करना चाहते हों तो हर किसी को सुबह के नाश्ते को गंभीरता से लेना चाहिए, भले ही वह बालिग हो या बच्चा या घरेलु महिलायें.
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