पूर्वांचल सूर्य संवाददाता,रांची। प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी और अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ आंदोलन का बिगुल फूंकने वाले 1857 के महानायक ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव का 167वां बलिदान दिवस धुर्वा गोल चक्कर के निकट उनके प्रतिमा स्थल पर मनाया गया।
इस मौके पर स्वतंत्रता सेनानी के वंशज और उत्तराधिकारी ठाकुर प्रवीर नाथ शाहदेव ने कहा कि ठाकुर अमर शहीद विश्वनाथ शाहदेव का बलिदान दिवस और जयंती पूरे देश में धूमधाम से मनाना चाहिए।
इस मौके पर रांची जिले के समाजसेवी निपु सिंह ने कहा कि ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव जैसे महापुरुषों के बलिदान का प्रतिफल है कि देश को आजादी मिली और हम लोग सुख चैन से रह रहे हैं।
निपु सिंह ने कहा कि वर्ष 1857 का विद्रोह में सभी ने ठाकुर शाहदेव को अपना नेता चुना और वह अपने सहयोगी शेख भिखारी,पांडे गणपत राय, नीलांबर पीतांबर और टिकैट उमरांव सिंह के साथ अंग्रेजों के साथ लड़ाई की और सभी ने मिलकर अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए थे।
निपु सिंह ने कहा कि ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव को चतरा तालाब के पास अंग्रेजों ने घेर कर उनको पैदल रांची लाया और 16 अप्रैल को रांची के जिला स्कूल के गेट के निकट कदंब के पेड़ के डाली में लटकाकर फांसी दे दी गई ।
इस मौके पर श्रद्धांजलि देने वाले में से दर्जनों स्वतंत्रता सेनानी के वंशज, राजेश्वर आलोक कुमार, प्रवीर नाथ शाहदेव, बंदना राय, मिथिलेश कुमार पांडे सहित अन्य गणमान्य ने उनकी प्रतिमा पर फूल चढ़ाकर श्रद्धांजलि दी।