स्वामी सदानंद जी महाराज ने दीप प्रज्ज्वलित कर अपने शिष्यों को दी दीपावली की बधाई 

स्वामी सदानंद जी महाराज ने दीप प्रज्ज्वलित कर अपने शिष्यों को दी दीपावली की बधाई 

30 Oct 2024 |  12

 

पूर्वांचल सूर्य प्रतिनिधि,रांची। श्री कृष्ण प्रणामी सेवा समिति के संस्थापक एवं संरक्षक परमहंस संत शिरोमणी श्री श्री 1008 स्वामी सदानंद महाराज एवं गुरु जी के साथ गीता प्रवचन के प्रख्यात कथाकार रवी जी शास्त्री मंगलवार को सुबह 9 बजे रायगढ से सड़क मार्ग से चलकर 4:30 बजे संस्था के सत्संग भवन शिवगंज हरमू रोड स्थित विधा देवी अग्रवाल के निवास स्थान पहुंचे।गुरु जी महाराज के सत्संग भवन मे आगमन होने के साथ ही वहां का वातावरण सतगुरु महाराज की जय श्री प्राणनाथ प्यारे की जय जयकारो से गूंज उठा।

 

 सर्वप्रथम गुरूजी महाराज एवं रवी जी शास्त्री ने 108 दिपक जलाकर सभी के साथ भाइयों और बहनों को धनतेरस,रूप चौदस,दिपावली,गोवर्धन पूजा,भाई दुज और छठ महापर्व की बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाऐं दी।

 

गुरू जी महाराज ने कहा की सभी प्रेम और ज्ञान के दिपक जलाये।हम सभी दीपावली का अर्थ अक्सर यही लगाते हैं कि घर में खूब रोशनी करना घर की सफाई करना और खाना खिलाना पर सच में क्या दिवाली का यही अर्थ है।माना जाता है कि भगवान श्रीराम 14 वर्ष का वनवास काटकर इस दिन अयोध्या वापस आए थे। तब सभी अयोध्या वासियों ने खूब खुशियां मनाई थी। घर-घर में दीपक जलाए गए थे और खूब आनंद का माहौल था,परस्पर सभी में प्रेम भाव था। जितनी खुशियां वातावरण में थी उतनी उनके दिलों में भी थी क्योंकि उनके राज दुलारे उस दिन घर लौटे थे।आज इस त्यौहार का असली अर्थ आनंद उत्सव कहीं खो सा गया है। 

 

गुरू जी महाराज ने कहा कि आज लोगों ने इस त्यौहार को सिर्फ अर्थ उपार्जन का त्यौहार बना दिया है। सभी की बस एक ही कामना रहती है खूब अच्छे से लक्ष्मी पूजन करें और लक्ष्मी जी धन के रूप में हमारे घर आए पर लक्ष्मी स्वरूप क्या सिर्फ धन का है।लक्ष्मी जी तो प्रेम और संतोष की मूरत है। जहां प्रेम और संतोष होता है वहां लक्ष्मी जी खुद आती हैं और जहां दिलों में बैर होते हैं वहां लाख पूजन करे तो भी नहीं आती। असली धन तो संतोष को प्रेम ही है जिसके पास या धन होता है उसको कभी किसी चीज की कमी महसूस नहीं होती। 

 

गुरू जी ने कहा कि हम घर के कोने कोने की सफाई करते हैं पर अपने मन को साफ करना भूल जाते हैं। हम सब अपने घर में लाइट और दिपक से खूब रोशनी करते हैं पर अपने अंदर जो क्रोध ईर्ष्या द्वेष रूपी अंधकार है उसे रोशन करना भूल जाते हैं। हमें चाहिए कि दीपावली पर प्रेम और ज्ञान के दिपक भी जलाये। हमारे दिलों में सबके लिए प्यार हो किसी से बैर न हो और भगवान श्रीराम के जीवन से यह भी सीखे की कष्ट तो हर किसी के जीवन में आते ही हैं पर हमें उनका सामना किस प्रकार धीरज रख कर करना चाहिए।    

 

गुरू जी ने कहा कि आजकल के लोग मिट्टी के दिपक के बदले  चाइनीज लाइटों का प्रयोग ज्यादा करने लगे हैं पर जो शोभा और सुन्दरता मिट्टी के दीयों में है वह किसी चाइनीज लाइट में नहीं है। मिट्टी के दिपक में हमारी संस्कृति की झलक मिलती है और दूसरी बात यह भी है कि हमारे ऐसा करने से जो लोग मिट्टी के दीपक बनाते हैं और साल भर इस त्यौहार का इंतजार करते हैं उनकी आशा भी पूर्ण नहीं होती। हमारे द्वारा मिट्टी के दिपक खरीदने से उनके बच्चे भी त्यौहार का आनंद उठा सकते हैं। हम मिट्टी के दीए बनाने वालों से 10 और 20 रूपए के लिए भी बहुत मोलभाव करते हैं हमें ऐसा नहीं करना चाहिए क्योंकि शायद इतने पैसे से हमें कोई फर्क नहीं पड़ेगा पर किसी गरीब निर्धन के लिए वही पैसा आनंद उत्सव बनाने का कारण बन जाएगा। यही दीपावली सच्ची दिवाली मानी जाएगी जब हम किसी गरीब की कुटिया को भी रोशन कर दें। ऐसा करने से हमारे अंदर जो आनंद आएगा वह कभी न मिटने वाला आनंद होगा।किसी ने सही कहा अपने घर में दिए जलाकर जगमग कर लो आंगन सारा पर पड़ोसी के घर भी रह न पाए अंधियारा।दीपावली की शुभकामना के साथ आप सब को मेरा प्रणाम।

 

कार्यक्रम समापन पर गुरू जी महाराज का चंदन वंदन माल्यार्पण कर गुरू जी महाराज का और राज श्यामा जी (राधा-कृष्ण) भगवान की आरती कर गुरू जी सदानंद जी महाराज ने वहां उपस्थित सभी शिष्यों एवं आये हुए श्रृद्धालुओं के बीच प्रसाद का वितरण कर दिपावली मिलन समारोह को सम्पन्न किया।गुरू जी महाराज रेलमार्ग से अपने होने वाले आज के सत्संग के कार्यक्रम के लिए पटना के लिए प्रस्थान कर गये। गुरूजी महाराज एवं उनके साथ रवी जी शास्त्री रांची से रेल मार्ग से चल कर पटना के लिए प्रस्थान किये।

 

इस कार्यक्रम में संस्था के अध्यक्ष डूंगरमल अग्रवाल उपाध्यक्ष निर्मल जालान, राजेंद्र प्रसाद अग्रवाल, विजय अग्रवाल, नवल किशोर अग्रवाल, विशाल जालान, नन्द किशोर चौधरी, शिव भगवान अग्रवाल, सज्जन पाडिया, चिरंजी लाल खंडेलवाल,पूरणमल सर्राफ ओम प्रकाश सरावगी, विशाल जालान, सुरेश अग्रवाल, सुरेश भगत, सुरेश चौधरी, दिलीप अग्रवाल,आलोक सिंह, धीरज गुप्ता, रमेन्द्र पाण्डेय एवं महिला मंडल की विद्या देवी अग्रवाल विमला जालान, शोभा जालान, आशा मुंजाल, संतोष देवी अग्रवाल, सुनीता अग्रवाल, सरिता अग्रवाल, पूनम अग्रवाल,सरोज पोद्दार,शारदा पोद्दार, अमिता जालान सहित अन्य उपस्थित थे।

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