महाकुंभ में शामिल हुए 68 पाकिस्तानी श्रद्धालु,कहा-सनातन धर्म में जन्म लेने का गौरव महसूस हो रहा है

महाकुंभ में शामिल हुए 68 पाकिस्तानी श्रद्धालु,कहा-सनातन धर्म में जन्म लेने का गौरव महसूस हो रहा है

07 Feb 2025 |  61

 

प्रयागराज।गंगा की धरा पर 13 जनवरी से विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन महाकुंभ चल रहा है।गुरुवार को पाकिस्तान से 68 हिंदू श्रद्धालुओं का जत्था महाकुंभ पहुंचा। सभी श्रद्धालुओं ने संगम में आस्था की डुबकी लगाकर अपने पूर्वजों की अस्थियों को संगम में विसर्जित किया और उनकी  आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। 

 

श्रद्धालुओं के साथ आये कराची के श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर के प्रमुख सेवक महंत रामनाथ महाराज ने बताया कि पहले वो सभी हरिद्वार गये थे।वहां अपने लगभग 480 पूर्वजों की अस्थियों का विसर्जन और पूजन किया। इसके बाद प्रयागराज आकर महाकुंभ में संगम स्नान किया और अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति की प्रार्थना की।

 

सेक्टर-9 में स्थित श्रीगुरुकार्ष्णि के शिविर में सिंध से आए गोबिंद राम माखीजा ने कहा कि हमने जब से महाकुंभ मेले के बारे में सुना है, तब से हमारी इच्छा थी कि हम यहां आएं।यही कारण है कि हम खुद को यहां आने से रोक नहीं सके।

 

गोबिंद राम मखीजा ने कहा कि पिछले वर्ष अप्रैल में 250 लोग पाकिस्तान से प्रयागराज आए थे और गंगा में डुबकी लगाई थी।इस बार सिंध के छह जिलों गोटकी,सक्कर,खैरपुर,शिकारपुर,कर्जकोट और जटाबाल से 68 लोग प्रयागराज पहुंचे हैं,जिनमें करीब 50 लोग पहली बार महाकुंभ में आए हैं।मखीजा ने कहा कि यहां अजब आनंद की अनुभूति हो रही है,बेहद खुशी हो रही है।यहां का अनुभव बयां करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं।यहां आने पर हमें सनातन धर्म में जन्म लेने के गौरव की अनुभूति हो रही है।

 

पाकिस्तान के सिंध प्रांत के गोटकी से आई 11वीं कक्षा की छात्रा सुरभि ने कहा कि वह पहली बार भारत आई है।यहां पहली बार हमें अपने धर्म को गहराई से देखने-जानने का मौका मिल रहा है,बहुत अच्छा लग रहा है।

 

पाकिस्तान के सिंध से आई प्रियंका ने कहा कि मैं पहली बार भारत और इस महाकुंभ में आई हूं।यहां सनातन संस्कृति को देखकर बहुत दिव्य अनुभव को महसूस कर रही हूं।मैं गृहणी हूं और भारत आना मेरा सबसे बड़ा सौभाग्य है।प्रियंका ने कहा कि हम पैदा ही वहां हुए और मुस्लिमों के बीच ही रहे।सिंध प्रांत में हिंदुओं के साथ बहुत भेदभाव नहीं है,जैसा कि मीडिया दिखाती है,लेकिन अपनी संस्कृति को जानने का मौका हमें यहां आकर मिल रहा है इससे मैं खुद को बहुत ही भाग्यशाली मानती हूं।

 

भारत में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर अपने विचार प्रकट करते हुए सक्कर जिले से आए निरंजन चावला ने कहा कि सिंध में ऐसा माहौल नहीं है कि लोग भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करें,लेकिन राजस्थान (पाकिस्तान के हिस्से वाला) जैसे कुछ इलाकों में हिंदुओं के लिए थोड़ी मुश्किले हैं।

 

निर्माण क्षेत्र में काम करने वाले निरंजन चावला ने कहा कि मैं भारत सरकार से निवेदन करना चाहूंगा कि वीजा जारी करने की प्रक्रिया थोड़ी आसान की जाए।अभी वीजा मिलने में छह महीने लग जाते हैं।हालांकि यहां आए जत्थे को सरलता से वीजा दिया गया,जिसके लिए हम भारत सरकार को धन्यवाद देते हैं।

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