झारखंड विधानसभा बजट सत्र:कानून-व्यवस्था को लेकर विपक्ष ने सदन में किया विरोध प्रदर्शन
प्रथम पाली में हंगामे की भेंट चढ़ा प्रश्न काल
विधायक सीपी सिंह ने सदन में डीजीपी अनुराग गुप्ता को बेशर्म कहकर अपने गुस्से का किया इजहार
विशेष संवाददाता,रांची।झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सोमवार को नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य में हो रही हत्याएं,बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर चिन्ता जताई।नेता प्रतिपक्ष ने सदन में कहा कि राज्य में लगातार हत्याएं हो रही हैं,ये गंभीर समस्या है।बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य में हेमंत सोरेन है तो अपराधियों को हिम्मत है।
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि पिछले दिनों चान्हों में साधु समेत दो लोगों की हत्या,उसके बाद राजधानी रांची में कोयला व्यापारी बिपिन मिश्रा पर की गई गोलीबारी और अब हजारीबाग में एनटीपीसी के डीजीएम कुमार गौरव की गोली मारकर हत्या की घटनाओं से प्रतीत होता है कि आज सबसे ज्वलंत मुद्दा कानून व्यवस्था का गिरना है। बाबूलाल ने कहा कि 25 वर्षों के कालखंड में यह पहली दफा है कि इतना लॉ एंड आर्डर खराब हुआ है।
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि ऐसा कभी नहीं हुआ था।इसलिए प्रश्नकाल स्थगित कर सर्वप्रथम कानून व्यवस्था पर चर्चा हो, इसे प्राथमिकता देते हुए सदन में चर्चा कराई जाय। बाबूलाल ने कहा कि खासकर कोयलांचल में जनता परेशान है,तबाह है। इधर जैसे ही बाबूलाल मरांडी ने अपनी बातें सदन में रखी, स्पीकर रवीन्द्र नाथ महतो ने प्रश्नकाल के लिए भाजपा के अमित कुमार का नाम पुकारा।
अमित कुमार ने भी अपने प्रश्न से ज्यादा कानून व्यवस्था पर ही चर्चा कराने के लिए स्पीकर से अनुरोध किया। इसी बीच भाजपा के नवीन जायसवाल ने अपने सीट से उठकर स्पीकर से इस पर चर्चा कराने की मांग की।जब उनकी मांगें नहीं सुनी गई तो वे वेल में आकर भाजपा विधायकों को भी वेल में आने का इशारा किया,जिस पर स्पीकर ने नवीन जायसवाल को कहा कि वेल में आने के लिए विधायकों को उद्वेलित करना सही नहीं है,लेकिन इसके बावजूद काफी संख्या में भाजपा विधायक वेल में आ गये और सरकार के खिलाफ नारा लगाना शुरु कर दिया,वे अपराधियों को संरक्षण देना बंद करो, कानून-व्यवस्था पर ध्यान देना होगा, हेमन्त सोरेन हाय-हाय का नारा लगा रहे थे। इसी बीच कई बार स्पीकर रवीन्द्र नाथ महतो ने सदन को आर्डर में लाने का प्रयास किया। जब उन्हें कोई सफलता नहीं मिली तो उन्होंने सदन को 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
जब सदन दुबारा 12 बजकर सात मिनट पर प्रारंभ हुआ तो इस बार सीपी सिंह ने सदन में कानून-व्यवस्था को लेकर अपने गुस्से का इजहार किया।सीपी सिंह ने सदन में कहा कि राज्य में कोई भी हो,उसका जीवन दूभर हो गया है और सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है।यहां का डीजीपी इतना बेशर्म है कि बोलता है कि बड़ी-बड़ी घटनाएं हो रही हैं, वो जेल से प्लानिंग बन रही है।
सीपी सिंह ने कहा कि तो क्या जेल भारत और झारखंड से बाहर है।इसी राजधानी में जेल है।प्लानिंग अगर जेल से बन रही है तो क्यों नहीं उसका उद्भेदन हो रहा है,क्यों नहीं ऐसे लोगों को रिमांड पर लिया जा रहा है। सीपी सिंह ने कहा कि आज यहां किसी का भी जीवन सुरक्षित नहीं हैं,न विधायक, न मंत्री,न जनता। इसलिए इस पर सरकार को जवाब देना चाहिए कि आखिर वो रोकथाम के लिए कर क्या रही है।