शादी-ब्याह के मौसम में बाल विवाहों की रोकथाम के लिए सजग रहे प्रशासन:राजेन कुमार 

शादी-ब्याह के मौसम में बाल विवाहों की रोकथाम के लिए सजग रहे प्रशासन:राजेन कुमार 

04 Nov 2025 |  15

 



पूर्वांचल सूर्य प्रतिनिधि,रांची।देवउठनी एकादशी से शुरू होने वाले शादी-विवाह के मौसम के मद्देनजर जिले में बाल विवाह के खिलाफ मुहिम चला रहे गैरसरकारी संगठन सिंदुआर टोला ग्रामोदय विकास विद्यालय ने जिला प्रशासन और जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण (डीएलएसए) से बाल विवाहों की रोकथाम के लिए सख्त निगरानी और अत्यधिक सतर्कता बरतने का अनुरोध किया है। 



संगठन ने जिला प्रशासन को भेजी गई चिट्ठी में बाल विवाहों की रोकथाम सुनिश्चित करने के लिए कड़ी चौकसी की अपील की है ताकि ऐसी कोई भी घटना प्रशासन की जानकारी से ओझल नहीं रह सके और तत्काल कार्रवाई की जा सके। साथ ही जन-जन तक यह संदेश पहुंचाना आवश्यक है कि यदि किसी भी व्यक्ति के पास किसी संभावित बाल विवाह की जानकारी है तो वह तत्काल पुलिस हेल्पलाइन 112, चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 या स्थानीय थाने को सूचित करे ताकि इस अपराध को रोका जा सके।     



संगठन ने एक नवंबर से शुरू हो रहे शादी ब्याह के मौसम को देखते हुए जिला प्रशासन से सरपंचों,आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और पुलिस को अतिरिक्त सतर्कता बरतने का निर्देश देने की अपील की है। इसके साथ ही संगठन ने आज से ही गांवों और स्कूलों में बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता अभियान को गति देने का फैसला करते हुए धार्मिक नेताओं से भी इस मौके पर अतिरिक्त सतर्कता बरतने की अपील की है।       



सिंदुआर टोला ग्रामोदय विकास विद्यालय के निदेशक राजेन कुमार ने कहा,सुप्रीम कोर्ट ने 2024 के अपने ऐतिहासिक फैसले में जिलों को बाल विवाहों की रोकथाम के लिए सतर्क रहने को कहा है। हम जिला प्रशासन से सिर्फ सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों पर अमल की मांग कर रहे हैं।



राजेन कुमार ने कहा कि केंद्रीय महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय ने भी वर्ष 2030 तक बाल विवाह के खात्मे के लक्ष्य के साथ 27 नवंबर 2024 को बाल विवाह मुक्त भारत अभियान की शुरुआत की थी। आज हम बाल विवाह के खात्मे के मुहाने पर खड़े हैं। हालांकि इस दिशा में हमारे प्रयास अर्से से जारी हैं,लेकिन यह एक अहम समय है क्योंकि बहुत सारे परिवार इस शुभ मुहूर्त का उपयोग बच्चों की शादी के लिए करते हैं। इस शुभ मुहूर्त की गरिमा को बनाए रखने के लिए हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि एक भी बाल विवाह नहीं होने पाए।


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