पूर्वांचल सूर्य प्रतिनिधि,विष्णुगढ़।झारखंड में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है।विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां कमर कसकर प्रचार में जुटी हैं।मांडू विधानसभा क्षेत्र में इस बार एनडीए और इंडी गठबंधन के बीच सीधी टक्कर होने की संभावना है।कौन किस पर भारी पड़ेगा यह तो समय बताएगा।
मांडू 1985 से टेकलाल महतो का गढ़ रहा है,जहां वे अथवा उनके सुपुत्र लगभग 40 वर्षों तक सत्ता में रहे। इनके किले को ध्वस्त करना इतना आसान भी नहीं है। अंतर बस इतना है कि 2019 तक यह विधानसभा झामुमो के गढ़ के रूप में जानी जाती थी। पिछले चुनाव के ठीक पहले श्री पटेल झामुमो छोड़ भाजपा में आए। उन्होंने भाजपा के टिकट पर पिछला चुनाव लड़े और जीते भी,लेकिन आजसू ने उन्हें कड़ी चुनौती भी दिया। वे लगभग 1900 वोटो के अंतर से ही जीत पाए थे। आसन्न चुनाव में ऊंट किस करवट बैठता है,यह देखना दिलचस्प होगा। इस चुनाव में एनडीए उम्मीदवार निर्मल महतो उर्फ तिवारी महतो से उनकी टक्कर बताया जा रहा है।
श्री पटेल के पिता स्व टेकलाल महतो
1985,1990,1995,2000 में यहां से विधायक निर्वाचित हुए। उसके बाद वे गिरिडीह से सांसद बने। 2005 में जदयू के खीरू महतो निर्वाचित हुए। तब श्री महतो के बड़े बेटे रामप्रकाश भाई पटेल दूसरे स्थान पर रहे। 2009 में फिर से टेकलाल महतो का सीट पर कब्जा हो गया इसी बीच उनका निधन हुआ और मध्यावधि चुनाव 2011 में जेपी भाई पटेल विधायक बने तब से अब तक मांडू पर इन्हीं का कब्जा रहा है।
बताया जा रहा है कि इस बार यहां आजसू और कांग्रेस के बीच ही टक्कर होने वाली है। वैसे तो यहां के सीट पर झामुमो का मजबूत आधार बन रहा था,पर इंडी गठबंधन ने यह सीट कांग्रेस को दे दिया है। जेकेएलएम से यहां स्वयं जयराम महतो के लड़ने की बात कही जा रही थी,पर उन्होंने भी शुक्रवार को उम्मीदवार की जो सूची जारी किया है,उसके आधार पर यहां से बिहारी महतो चुनाव लड़ेंगे। इस प्रकार सीधी टक्कर इंडी और एनडीए के बीच होने की पूरी उम्मीद है।जिस दल में भीतरघात होगा वह दल ऐसे में हार का सामना करेगा।इस बार मांडू हॉट सीट बनी हुई है, देखना दिलचस्प होगा जीत किसकी होती है।