बरेली।उत्तर प्रदेश के बरेली में हुए बवाल में आरोपी डॉक्टर नफीस के अवैध बरातघर पर दो दिन चली कार्रवाई में बरातघर पूरी तरह जमींदोज कर दिया गया।नफीस के बरातघर पर दो दिन में छह बुलडोजर 11 घंटे तक चले।हैमर से छत चटकाने,सीढ़ियां और पिलर गिराने में 50 से अधिक मजदूर लगे।बरातघर का 70 फीसदी हिस्सा पहले दिन और 30 फीसदी हिस्सा दूसरे दिन ध्वस्त किया गया।ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए 300 से अधिक सुरक्षाकर्मी और पुलिस-प्रशासन के अधिकारी तैनात रहे।अगर इसके खर्च का हिसाब लगाया जाए तो यह लाखों रुपये में आएगा।कई जगह अवैध निर्माण गिराने का खर्च आरोपियों से वसूल किया जाता है।इस मामले में संज्ञान लेने वाली बात यह भी है कि बरेली विकास प्राधिकरण ने ध्वस्तीकरण का नोटिस जारी किया था।नोटिस के मुताबिक नफीस को खुद अवैध निर्माण हटा लेना चाहिए था,लेकिन नफीस ऐसा नहीं किया।इसलिए बीडीए बरातघर गिराने का खर्च भी वसूल सकता है।
आवासीय नक्शे पर बना था बरातघर
मौलाना तौकीर रजा के करीबी नफीस का बरातघर रजा पैलेस को बीडीए के दो बुलडोजरों ने रविवार को पूरी तरह जमींदोज कर दिया।बीडीए के मुताबिक जखीरा मोहल्ले में यह बरातघर आवासीय नक्शे पर बना था और इसका व्यावसायिक इस्तेमाल किया जा रहा था।बरातघर का अधिकतर हिस्सा शनिवार को ही ध्वस्त कर दिया गया था।
बीडीए के संयुक्त सचिव ने ये बताया
बरेली विकास प्राधिकरण के संयुक्त सचिव दीपक कुमार ने बताया कि करीब 600 वर्गमीटर मे संचालित बरातघर के लिए मानचित्र स्वीकृत नहीं था।आवासीय भवन के मानचित्र पर बरातघर नहीं चला सकते।इसलिए बीडीए ने वर्ष 2024 में पहला नोटिस दिया था।ध्वस्तीकरण आदेश 17 अगस्त 2024 को पारित किया गया।दीपक कुमार ने बताया कि बरातघर के संचालक को आदेश दिया गया था,लेकिन उसने न तो कोई अपील की, न ही अवैध निर्माण हटाया।अंतत: बीडीए ने बुलडोजर चलवा दिया।कार्रवाई के दौरान एडीएम के साथ कई जिलों की पुलिस, पीएसी और मजिस्ट्रेट तैनात रहे। जिला प्रशासन के अधिकारी मौके पर मौजूद अफसरों से पल-पल की अपडेट लेते रहे।
जखीरा के लोग बोले,बड़ों के मसले में हम क्या कहें
बता दें कि जखीरा में रविवार को भी बुलडोजर कार्रवाई जारी रही।भारी पुलिस बल तैनात होने से अधिकतर लोग घरों में ही रहे,जिसे ज्यादा जरूरी काम था,वही घर से निकला,जब बुलडोजर गरजा तो कुछ लोग छतों पर आए,लेकिन जब पुलिस ने उन्हें टोका तो लोग पीछे हट गए।लोगों ने कहा कि यह मसला बड़ों का है,हम क्या कहें।
नौमहला में सील दुकानों पर पुलिस की पहरेदारी
नौमहला मस्जिद के पास शनिवार को सील की गईं चार दुकानों के आसपास पुलिस की पहरेदारी रही। दुकानदारों ने बताया कि वे तो किरायेदार थे,उन्हें हटाने से पहले नोटिस देना चाहिए था।नियम भी यही है।आसपास के दुकानदारों ने बताया कि रोजाना की तुलना में रविवार को ग्राहक कम आए।पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों का आवागमन लगा रहा।
फरहत के घर के बाहर सन्नाटा,परिजन भूमिगत
फाइक एन्क्लेव में फरहत के घर के बाहर सन्नाटा मिला। सीलिंग से पहले ही परिजन भूमिगत हो गए थे।शनिवार को जब बीडीए की टीम पहुंची तो मकान पर ताला लगा मिला था। रविवार को पुलिस सीलिंग की निगरानी करती रही।मौके पर मिले स्थानीय निवासी ने कहा कि बीडीए ने जब से मानचित्र स्वीकृत न होने की वजह बताकर फरहत का मकान सील किया है, तभी से लोगों को डर सता रहा है। कॉलोनी के 70 फीसदी मकानों के मानचित्र स्वीकृत नहीं हैं तो क्या सभी सील होंगे,यह सवाल लोगों को डरा रहा है।