बिजली दर में वृद्धि का जेवीवीएनएल के प्रस्ताव का पुरजोर विरोध

बिजली दर में वृद्धि का जेवीवीएनएल के प्रस्ताव का पुरजोर विरोध

13 Aug 2024 |  10

बिजली दर में वृद्धि का जेवीवीएनएल के प्रस्ताव का पुरजोर विरोध

 

जनविरोधी बिजली वितरण निगम अब सरकार विरोधी हरकतों पर उतरी:एफजेसीसीआई 

 

पूर्वांचल सूर्य संवाददाता,रांची।फेडरेशन ऑफ झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (एफजेसीसीआई) ने बिजली दरों में वृद्धि के जेवीवीएनएल (झारखंड विद्युत वितरण निगम लिमिटेड) के प्रस्ताव का पुरजोर विरोध किया है।चेंबर के पदधारियों ने एक स्वर में कहा है कि झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड जनविरोधी होने के साथ ही सरकार विरोधी भी हो गई है। 

 

सोमवार को चेंबर भवन में आयोजित प्रेसवार्ता में चेंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री ने कहा कि बिजली की वर्तमान दरें मार्च 2024 से लागू की गई।फिर तुरंत चार महीने के बाद नई दरों में बढ़ोतरी को लेकर प्रयास शुरू किये गए हैं।ऐसा पिछले 30-35 वर्षों में कभी नहीं हुआ।उन्होंने कहा कि एक ओर राज्य सरकार की मंशा निम्न वर्ग और मध्यम वर्ग की जनता को राहत देने की है, जिसके तहत उपभोक्ताओं को 200 यूनिट बिजली मुफ्त दी जाती है।वहीं दूसरी तरफ जेबीवीएनएल निम्न और मध्यम वर्गीय उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ डालने की योजना बना रहा है।ऐसा क्यों किया जा रहा है।यह समझ से परे है।

 

चेंबर अध्यक्ष ने कहा कि हमने बिजली दर में प्रस्तावित बढ़ोतरी का विश्लेषण किया।यह पाया गया कि कुछ बड़े उपभोक्ताओं के लिए मामूली वृद्धि प्रस्तावित की गई है तथा छोटे उद्योगों और घरेलू उपभोक्ताओं पर 50 से 300 फीसदी टैरिफ में बढ़ोतरी की जा रही है।प्रस्तावित बढ़ोतरी से उद्योग धंधे प्रभावित होंगे।उन्होंने कहा कि जेबीवीएनएल द्वारा यह प्रयास किया जा रहा है कि पांच प्रतिशत बड़े उपभोक्ताओं का बोझ 95 प्रतिशत छोटे उपभोक्ताओं पर डाल दिया जाय। उन्होंने कहा कि जेबीवीएनएल की प्रस्तावित वृद्धि का चेंबर विरोध करता है।चेंबर द्वारा नियामक आयोग की जनसुनवाई में भी यह मुद्दा उठाया जाएगा। यदि वहां भी सकारात्मक विचार नहीं किया गया तब न्यायालय की शरण में जाएंगे।

 

औद्योगीकरण के प्रयास में सबसे बड़ा बाधक है जेवीवीएनएल:अजय भंडारी

 

प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए चेंबर सदस्य अजय भंडारी ने कहा कि वर्तमान में जेबीवीएनएल का टी एंड डी लॉस 35 फीसदी से अधिक है,बिलिंग एफिसियेंशी 85-90 फीसदी है,जबकि कलेक्शन एफिसियेंसी 85-90 फीसदी है।ऐसी स्थिति में तो बिजली का खरीद मूल्य दोगुना हो जायेगा। यदि जेबीवीएनएल अपनी टी एंड डी लॉस कम कर ले तो दर बढ़ाने की आवश्यकता ही नहीं होगी। उन्होंने कहा कि जमशेदपुर में जुसको और जेबीवीएनएल दो लाइसेंसी हैं। जुसको का टी एंड डी लॉस दो फीसदी है, जबकि जेबीवीएनएल का 35 फीसदी। फिक्स चार्ज में बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर आपत्ति जताते हुए उन्होंने कहा कि प्रस्तावित बढ़ोतरी के आधार पर उपभोक्ताओं पर 1000-1500 रुपए अतिरिक्त बिजली बिल का भार बढेगा। नियामक आयोग की कार्यप्रणाली पर भी उन्होंने प्रश्नचिन्ह उठाते हुए कहा कि आयोग के शेड्यूल देखें तो आनन फानन में पब्लिक हियरिंग करने की तैयारी की जा रही है, जो सर्वथा अनुचित है। नई टैरिफ से छोटे उपभोक्ता, कृषि, ग्रामीण क्षेत्र के लोग अधिक परेशान होंगे, जो सरकार के उद्देश्यों के विपरीत है। ऐसा प्रतीत होता है कि जेबीवीएनएल का यह षडयंत्र जनता के साथ ही नहीं वर्तमान सरकार के साथ भी किया जा रहा है, जिसपर सरकार को गंभीरता दिखाने की आवश्यकता है। यदि जेबीवीएनएल सक्षम नहीं है, तब क्यों नहीं प्राइवेट प्लेयर्स को अवसर दिया जाता है। सरकार को यह समझना होगा कि औद्योगिकीकरण की सरकार की सारी कोशिशों में सबसे बड़ा बाधक बिजली बोर्ड ही है।

 

घरेलू उपभोक्ताओं पर लोड के अनुसार फिक्स चार्ज लगाने का प्रस्ताव अनुचित:विनोद तुलस्यान

 

चेंबर के ऊर्जा उप समिति चेयरमेन विनोद तुलस्यान ने फिक्स चार्ज में बढ़ोतरी पर आपत्ति जताते हुए कहा कि घरेलू उपभोक्ताओं पर लोड के अनुसार फिक्स चार्ज लगाने का प्रस्तावित अनुचित है। पुराने उपभोक्ताओं से फिक्स चार्ज 40 वर्षों से अधिक समय से लिया जा रहा है, वह भी बढ़े हुए दर पर। इस फिक्स चार्ज की तुलना हम सड़क पर लगने वाले टोल टैक्स से कर सकते हैं, जो एक अवधि के बाद बंद हो जाता है।यही बिजली में फिक्स चार्ज के साथ होना चाहिए। 

 

झारखंड में विद्युत आपूर्ति की लचर व्यवस्था:विनोद अग्रवाल

 

उद्योग उप समिति के चेयरमेन विनोद अग्रवाल ने पड़ोसी राज्यों से बिजली व्यवस्था की तुलना करते हुए कहा कि पडोसी राज्य पश्चिम बंगाल में शट डाउन से तीन दिन पूर्व से सूचित किया जाता है,लेकिन यहां पर ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। पिछले 14 वर्षों से बंगाल में भी उद्योग है, जहां पर आज तक मुझे कोई भी बिलिंग डिस्पयूट का सामना नहीं करना पड़ा।

 

अन्य राज्यों की तुलना में झारखंड में बिजली दर अधिक:रोहित पोद्दार 

 

कार्यकारिणी सदस्य रोहित पोद्दार ने अवगत कराया कि इमरर्जिंग स्टेट गुजरात में अधिकतम 5.05 पैसा प्रति यूनिट है, इसी प्रकार उत्तर प्रदेश में अधिकतम 7 रुपये प्रति यूनिट है, जबकि झारखंड में 9.50 पैसा प्रस्तावित किया गया है। अर्थात जिस राज्य की पर्चेसिंग पावर हमसे कई गुना अधिक है वो भी हमसे कम शुल्क वसूल रहा है।

 

प्रेसवार्ता में चेंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री,उपाध्यक्ष आदित्य मल्होत्रा,सह सचिव शैलेष अग्रवाल,ऊर्जा उप समिति चेयरमेन विनोद तुलस्यान,अजय भंडारी,उद्योग उप समिति चेयरमेन विनोद अग्रवाल,कार्यकारिणी सदस्य रोहित पोद्दार और सदस्य अरूण जोशी,अमित अग्रवाल शामिल थे।

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