पूर्वांचल सूर्य प्रतिनिधि,इटखोरी (चतरा)। प्रखंड के ख्याति प्राप्त उच्च शिक्षण संस्थान भद्रकाली महाविद्यालय में इतिहास विभाग के तत्वाधान में वर्तमान परिप्रेक्ष्य में अशोक के धम्म की प्रासंगिकता विषय पर एक दिवसीय आंतरिक सेमिनार का आयोजन किया गया।कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर दुलार ठाकुर ने की।रिसोर्स पर्सन सह मुख्य अतिथि सेवानिवृत प्रशासनिक अधिकारी बालगोविंद राम तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में विख्यात योगगुरु शंकर चंद्रवंशी उपस्थित रहे।कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलित कर किया गया। अतिथियों और शिक्षकों को बुके देकर सम्मानित किया गया। मौके पर खुशबू कुमारी और पायल कुमारी द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया।
विषय प्रवेश कराते हुए इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर श्याम सुन्दर प्रसाद ने कहा कि आज जब पूरे विश्व में अन्याय,अत्याचार,अहिंसा,वैमनस्यता,लालच और चोरी जैसी अराजकता फैली हुई है ऐसे माहौल में अशोक के धम्म की प्रासंगिकता बढ़ जाती है।
मुख्य अतिथि बालगोविंद राम ने कहा कि अशोक ने महान कार्य किए,लेकिन अशोक का धम्म अशोक को महान बनाता है।अशोक का धम्म नैतिक मूल्यों पर आधारित है,जिसका आज के समय में तेजी से क्षरण होता जा रहा है। सामान्य व्यक्ति से महान व्यक्ति बनने के लिए अशोक का धम्म अपनाना जरूरी है।
विशिष्ट अतिथि विख्यात योगगुरु शंकर चंद्रवंशी ने कहा कि अशोक का धम्म समावेशी विकास और सर्वधर्म समभाव पर आधारित है। इसे जीवन में अपनाना जरूरी है।अपने अध्यक्षीय भाषण में प्राचार्य डॉक्टर दुलार ठाकुर ने कहा कि अशोक का साम्राज्य उस समय का वृहतर भारत था,जिसमें शांति,सद्भावना,अहिंसा, तथा बिना जाति धर्म का भेद भाव किए कुशलतापूर्वक शासन कर पाना उन्हीं के धम्म के कारण संभव हो पाया। आज की युवा पीढ़ी जिनमे नैतिक मूल्यों का ह्रास होता जा रहा है उन युवाओं के लिए अशोक का धम्म प्रेरणाश्रोत है।
कार्यक्रम में छात्र छात्राओं ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन और धन्यवाद ज्ञापन प्रो. डॉक्टर बालेश्वर पासवान ने किया। कार्यक्रम में प्रो. सकेंद्र मिस्त्री,प्रो. जानकी प्रसाद दांगी,प्रो. ललित मोहन सिन्हा,प्रो. महेंद्र ठाकुर,प्रो. ललित कुमार सिंह,प्रो. राकेश कुमार ,डॉक्टर मोहमद मंसूर आलम फखरी,प्रो. संदीप कुमार,प्रो. अखिलेश पांडेय,प्रो.लीलू रानी सहित छात्र छात्राओं की उपस्थिति रही।