महाकुंभ नगर।रूस और यूक्रेन के बीच तीन साल से युद्ध चल रहा है।युद्ध को खत्म कराने के लिए विश्व के कई देशों ने मध्यस्थता की,लेकिन असरहीन रही,लेकिन विश्व के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन महाकुंभ में आईं दोनों देशों की साध्वियां शांति और प्रेम के बीज उगाने के लिए उपाय करेंगी। रूस की साध्वी उत्तमिका ओम गिरि और यूक्रेन की आदिशक्ति सती माता युद्ध रोकने के लिए महायज्ञ में आहुतियां देंगी। यूक्रेन के खारकीव के रहने वाले श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी विष्णु देवा नंद सरस्वती की दोनों शिष्याएं एक साथ एक ही हवन कुंड पर शांति महायज्ञ में आहुतियां देंगी।
महामंडलेश्वर स्वामी विष्णुदेवा नंद के साथ उत्तमिका ओम गिरि और आदिशक्ति सती माता अखाड़े में पहुंच गई हैं। खारकीव में लगातार मिसाइल हमले से तबाही की तस्वीरों को याद कर आदिशक्ति सती माता रुआंसी हो जाती हैं।कहती हैं कि यूक्रेन अपनी धरती बचाने के लिए संघर्ष कर रहा है।वहां कदम-कदम पर बारूदी धुएं के गुबार,खौफ और दहशत के अलावा कुछ भी नहीं है।फिलहाल सती माता संगम में तीन पहर डुबकी लगाकर शांति को शिव शक्ति महायज्ञ में आहुतियां देंगी।
यह महायज्ञ सेक्टर-18 में 25 से 30 जनवरी तक चलेगा। इसमें विश्व समुदाय के 200 से अधिक विदेशी साधु और साध्वियां आहुतियां देंगी।महायज्ञ की तैयारी यूक्रेन के संत महामंडलेश्वर स्वामी विष्णुदेवा नंद खुद करा रहे हैं। इसमें जापान और कनाडा के भी संत उनके साथ हैं। उत्तमिका ओम गिरि कहती हैं, दोनों देशों में शांति की नई बयार जरूरी है।
आदिशक्ति सती माता कुंडलिनी जागृत करने का महाकुंभ में अभ्यास भी करा रही हैं।फेसबुक पर भी ऑनलाइन कुंडलिनी पाठ्यक्रम से लोगों को जोड़ती हैं।सती माता का मानना है कि कुंडलिनी जागरण से ही अवसाद से मुक्ति पाई जा सकती है। यह गहन साधना है।