महाकुंभ:आज त्रिजटा स्नान कर दोबारा आने के शुभ संकल्प से कल्पवासी होंगे व‍िदा

महाकुंभ:आज त्रिजटा स्नान कर दोबारा आने के शुभ संकल्प से कल्पवासी होंगे व‍िदा

14 Feb 2025 |  68

 

प्रयागराज।दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन महाकुंभ  संगम की रेती पर चल रहा है।महाकुंभ में प्रतिदिन श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है।स्नान-दान का पर्व त्रिजटा फाल्गुन कृष्णपक्ष की द्वितीया आज शुक्रवार को मनाई जा रही है। महाकुंभ में प्रवास करने वाले संत और कल्पवासी त्रिजटा स्नान कर विदा हो जाएंगे।

 

साधु-संत मठ-मंदिर चले जाएंगे तो वहीं कल्पवासी अपने घर लौट जाएंगे।महाकुंभ में गंगा के सभी घाटों पर श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा रहे हैं।संगम में आस्था की डुबकी लगाने के बाद वापसी शुरू है,जो संत और कल्पवासी बचेंगे वो महाशिवरात्रि पर्व पर संगम में आस्था की डुबकी लगाने के बाद जाएंगे।

 

प्रयाग धर्म संघ के अध्यक्ष राजेंद्र पालीवाल ने बताया क‍ि कल्पवासी शैय्या दान,अन्न दान,वस्त्र दान और धन दान करते हैं। अगर कल्पवासी क‍िसी कारणवश माघी पूर्णिमा को अनुष्ठान पूरा नहीं कर पाते हैं तो वह बाद में उसे दान करके दो दिन बाद त्रिजटा का स्नान करके विदा होते हैं।

 

राजेन्द्र पालीवाल ने बताया कि हजारों कल्पवासियों के मेला क्षेत्र छोड़ने का क्रम गुरुवार को जारी रहा।माघी पूर्णिमा पर स्नानार्थियों की भीड़ अत्यधिक रही।इसके चलते वाहनों का प्रवेश भी मेला क्षेत्र में वर्जित कर द‍िया गया था। उन्होंने बताया कि भीड़ कम होने के बाद वाहनों को प्रवेश दिया गया। जिनके वाहन आते गए वह संत और कल्पवासी मेला क्षेत्र से विदा होते गए।

 

बता दें क‍ि महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है।महाकुंभ ज्ञान,भक्ति और साधना के विविध रंगों से रंगा हुआ है।अखाड़ों के वैभव,संतों की तपस्या के साथ कल्पवासियों का त्याग भी अद्वितीय रहा।पौष पूर्णिमा पर लगभग 10 लाख लोगों ने कल्पवास शुरू किया,जो माघी पूर्णिमा पर पूरा हो गया।इसके बाद अराध्य और पूर्वजों को नमन कर पुन: आने का संकल्प लेकर कल्पवासी अपने घर लौट रहे हैं।

ट्रेंडिंग