प्रयागराज।श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद मामले में राधारानी को पक्षकार बनाने की अर्जी को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है।अब रुक्मणि को पक्षकार बनाने के लिए अदालत में नई अर्जी दी गई है।शुक्रवार को इस मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद राधा रानी को पक्षकार बनाने की अर्जी खारिज कर दी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट में वाद मित्र के रूप में प्रार्थना पत्र दाखिल कर राधारानी को पक्षकार बनाने की मांग की गई थी।दलील दी गई कि राधारानी के बिना श्याम अधूरे हैं,भगवान श्रीकृष्ण इस मुकदमे के मुख्य वादी हैं,संपत्ति उनकी है,संपूर्ण ब्रज मंडल और पूरे विश्व में भगवान श्रीकृष्ण राधारानी के बिना अपूर्ण माने जाते हैं,इसलिए भगवान श्रीकृष्ण की सभी संपत्तियों में राधारानी का हित निहित माना जाएगा। ऐसे में राधारानी को वाद में शामिल करना आवश्यक है।
बता दें कि शूट नंबर सात में दिसंबर-2023 में राधारानी को पक्षकार बनाने के लिए प्रार्थना पत्र डाला गया था।वहीं श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट के अधिवक्ता हरेराम त्रिपाठी ने राधारानी को पक्षकार बनाए जाने का विरोध किया था। दलील दी कि भगवान श्रीकृष्ण लला विराजमान अवयस्क हैं। नाबालिग विग्रह के रूप में हैं,सारी संपत्ति उनकी है।ट्रस्ट के माध्यम से रिकॉर्ड पर उन्हीं के नाम से दर्ज है।
भगवान के नाबालिग होने के नाते वादी भगवान श्रीकृष्ण विग्रह की किसी भी प्रकार से पत्नी रूप में किसी की परिकल्पना नहीं की जा सकती।वाद विचाराधीन है,इसलिए बिना किसी हितधारक के किसी को भी पक्षकार न बनाया जाए।मुस्लिम पक्ष ने कहा था कि मुझे राधारानी को पक्षकार बनाने पर कोई आपत्ति नहीं है। बस यह देखा जाए कि आवेदन कानूनी प्रावधान से स्वीकार्य है या नहीं।