प्रयागराज।मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष को इलाहाबाद हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने मस्जिद को विवादित ढांचा घोषित करने से इनकार कर दिया है। न्यायाधीश राम मनोहर नारायण मिश्र की खंडपीठ ने आज यह फैसला सुनाया है।हिंदू पक्षकार महेंद्र प्रताप सिंह एडवोकेट ने कोर्ट से मस्जिद को विवादित ढांचा घोषित करने की मांग की थी, जिस पर कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था।
इलाहाबाद हाईकोर्ट में मथुरा शाही ईदगाह मस्जिद और श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद मामले में आज फैसले पर सबकी नजरें थी। कोर्ट ने हिंदू पक्ष को झटका देते हुए अर्जी खारिज कर दी है। इसमें मस्जिद को विवादित ढांचा घोषित करने की याचिका खारिज कर दी गई है।
हिंदू पक्षकार महेंद्र प्रताप सिंह एडवोकेट ने मासरे आलम गिरी से लेकर मथुरा के कलेक्टर रहे एफएस ग्राउस तक के समय में लिखी गई इतिहास की पुस्तकों का हवाला दिया था। महेंद्र प्रताप सिंह ने कहा था कि वहां पहले मंदिर था और मस्जिद होने का कोई साक्ष्य शाही ईदगाह मस्जिद पक्ष न्यायालय में पेश नहीं कर सका है।
हिंदू पक्षकार महेंद्र प्रताप सिंह एडवोकेट ने इतिहास की पुस्तकों का हवाला देते हुए कहा था कि वहां पहले मंदिर था। महेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि वहां पर मस्जिद होने का कोई साक्ष्य आज तक शाही ईदगाह मस्जिद पक्ष न्यायालय में पेश नहीं कर सका।न खसरा खतौनी में मस्जिद का नाम है, न नगर निगम में उसका कोई रिकॉर्ड,न कोई टैक्स दिया जा रहा, बिजली चोरी की रिपोर्ट भी शाही ईदगाह प्रबंध कमेटी के खिलाफ भी हो चुकी है, फिर इसे मस्जिद क्यों कहा जाए। इसलिए मस्जिद को विवादित ढांचा घोषित किया जाए।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद केस के मंदिर पक्षकार महेंद्र प्रताप सिंह एडवोकेट ने हाई कोर्ट में 5 मार्च 2025 को मथुरा स्थित शाही ईदगाह मस्जिद को विवादित ढांचा घोषित किए जाने की मांग करते हुए प्रार्थना पत्र दाखिल किया था।