रामनगरी में 14 कोसी परिक्रमा शुरू,मुहूर्त के पहले ही जुटे श्रद्धालु,गुरुवार को लाखों श्रद्धालुओं के आने की संभावना
रामनगरी में 14 कोसी परिक्रमा शुरू,मुहूर्त के पहले ही जुटे श्रद्धालु,गुरुवार को लाखों श्रद्धालुओं के आने की संभावना
30 Oct 2025 | 25
अयोध्या। रामनगरी अयोध्या में शुभ मुहूर्त से पहले ही बुधवार रात सरयू तट से 14 कोसी परिक्रमा शुरू हो गई।इसी के साथ कार्तिक मेले का भी शुभारंभ हो गया।सुरक्षा कारणों से इस बार परिक्रमा आतंकवाद निरोधी दस्ता (एटीएस) की निगरानी में पूरी होगी।
14 कोसी परिक्रमा का शुभ मुहूर्त 30 अक्तूबर सुबह
4:50 बजे था,लेकिन श्रद्धालुओं ने रात लगभग दो बजे से ही परिक्रमा शुरू कर दी। देखते ही देखते रामनगरी की 14 कोस की परिधि अटूट मानव शृंखला में बंध गई।सरयू घाट के साथ ही दर्शननगर,भीखापुर,देवकाली,जनौरा,नाका हनुमानगढ़ी, मोदहा,सिविल लाइंस स्थित हनुमान मंदिर,सआदतगंज, अफीम कोठी और नयाघाट से भी श्रद्धालु परिक्रमा में शामिल हुए।पुलिस-प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। संपूर्ण परिक्रमा क्षेत्र में पांच हजार सुरक्षाकर्मियों ने मोर्चा संभाल लिया है। मिश्रित आबादी के इलाकों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है।
14 कोसी परिक्रमा के लिए देश के कोने-कोने से श्रद्धालु रामनगरी अयोध्या पहुंच गए हैं।मध्यरात्रि से ही अधिकांश श्रद्धालुओं ने यात्रा शुरू कर दी है।इसे लेकर पहले से ही पुलिस अलर्ट रही है।जिले के अलावा वाराणसी,कानपुर, आगरा,लखनऊ समेत अन्य जोन से पुलिसकर्मी बुलाए गए थे, जो दो दिन पहले ही पहुंच गए। उन्हें अच्छे व्यवहार का पाठ पढ़ाकर विभिन्न पॉइंटों पर तैनात कर दिया गया है।
बता दें कि मेला क्षेत्र को सात जोन में बांटा गया है।अपर पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी जोन की निगरानी में लगाए गए हैं।मेला क्षेत्र लगभग पांच हजार जवानों के अधीन किया गया है। इनमें अन्य जिलों के लगभग 40 सीओ, 60 निरीक्षक, 250 उप निरीक्षक और लगभग 1500 आरक्षी व मुख्य आरक्षी भी शामिल हैं। चार कंपनी सीआरपीएफ समेत आठ कंपनी पैरामिलिट्री फोर्स लगाई गई है।परिक्रमा पथ के दोनों तरफ के रास्तों पर बैरिकेडिंग की गई है।संपूर्ण पथ को सीसीटीवी से लैस किया गया है।रामनगरी के अंदर और बाहर डायवर्जन लागू कर दिया गया है।संवेदनशील इलाकों में विशेष निगाह रखी जा रही है। कंट्रोल रूम से मेला क्षेत्र की निगरानी की जा रही है। घाटों पर जल पुलिस और एसडीआरएफ की टीम मुस्तैद है, जो श्रद्धालुओं की सुरक्षा के साथ उन्हें जागरूक भी कर रही है।