महाकुंभ नगर।गंगा की धरा पर 13 जनवरी 2025 में विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन महाकुंभ होने जा रहा है। महाकुंभ के लिए कई नामी बाबाओं का जमावड़ा शुरू हो गया है।ये बाबा महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करेंगे।हाथों में सोने का कंगन और हीरे से जड़ी घड़ी पहनने वाले पर्यावरण बाबा पहुंच गए हैं।
महामंडलेश्वर अवधूत बाबा का असली नाम अरुण गिरी महाराज है।महामंडलेश्वर अपने शरीर पर सोने से जड़े हुए आभूषण पहने हुए हैं।इसमें सोने की माला,अंगूठी और हीरे से जड़ी घड़ी भी शामिल है।इन्हें पर्यावरण बाबा कहा जाता है।ये अब तक देश भर में एक करोड़ पेड़-पौधे लगा चुके हैं और सभी को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने का काम करते हैं।इस बार महाकुंभ में बाबा अपने श्रद्धालुओं को पर्यावरण के प्रति जागरूक करेंगे साथ ही उनके पास आने वाले श्रद्धालुओं को गिफ्ट में पौधे देंगे।
महाकुंभ में देश और विदेश से श्रद्धालु आएंगे।महाकुंभ को इस बार ग्रीन महाकुंभ का स्वरूप देने की पहल की जा रही है। महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी से होगी,लेकिन साधु-संतों का अखाड़े में आने का सिलसिला शुरू हो गया है।अखाड़े ने छावनी प्रवेश शुरू कर दिया है।अखाड़े की शान महामंडलेश्वर और तरह-तरह के साधु संत भी आ रहे हैं।इन्हीं साधु संतो में शामिल महामंडलेश्वर अरुणगिरी महाराज है।
अरुण गिरी महाराज पायलट बाबा के शिष्य हैं।अरुण गिरी महाराज हर समय गहने से लदे रहते हैं। 10 तरह के रतन से जुड़ी कीमती अंगूठियां पहनते हैं और चांदी का एक धर्म दंड रखते हैं।हाथ में सोने के कई कड़े और बाजूबंद पहनते हैं और स्फटिक और क्रिस्टल की कीमती मलाई भी धारण करते हैं। इनके सभी आभूषण भगवान की मान्यता से जुड़े हुए हैं।
पर्यावरण बाबा महाकुंभ में इस मकसद के साथ पहुंचे हैं कि इस बार महाकुंभ में लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया जाए।जहां पर महाकुंभ में तमाम साधु संत लोगों को अध्यात्म से जुड़े कहानी किस्से और कथाएं सुनाएंगे तो वहीं पर्यावरण बाबा पर्यावरण से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें सुनते हुए नजर आएंगे।इससे पहले भी बाबा ने कई अभियान पर्यावरण को लेकर चलाया है और कई हजार पेड़ लगा चुके हैं। पर्यावरण बाबा ने इस बार महाकुंभ में 51 हजार फलदार पेड़ बांटने का संकल्प लिया है।पर्यावरण बाबा का कहना है आओ पेड़ लगाए जीवन बचाएं।
बता दें कि इस बार महाकुंभ में पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए प्लास्टिक के उपयोग को कम करने के लिए बायोडिग्रेडेबल सामग्री,जैसे डोना-पत्ता,को बढ़ावा दिया जा रहा है और प्लास्टिक मुक्त महाकुंभ बनाने की कोशिश की जा रही है।महाकुंभ का यह नया रूप न केवल श्रद्धालुओं की आस्था को मजबूती देगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के महत्वपूर्ण संदेश को भी डिस्प्ले किया जाएगा।वही पर्यावरण बाबा भी इस बार महाकुंभ में पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाएंगे।ये एक चर्चित बाबा हैं,जिन्होंने सिंघस्थ कुभ में प्रशासन से 34 दिनों तक हेलीकॉप्टर से यज्ञ की अनुमति मांगी थी। इसी पहनावे के कारण लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बने रहते हैं।