अयोध्या।रामनगरी अयोध्या में भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ पर आज शनिवार से भव्य कार्यक्रम शुरू होगा।कार्यक्रम को लेकर 11 जनवरी से तीन दिनों तक सभी प्रकार के आरती और सुगम दर्शन पास को निरस्त कर दिया गया है।
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के न्यासी डाॅक्टर अनिल मिश्र ने बताया कि रामलला के दर्शन अवधि में डेढ़ घंटे की वृद्धि की गई है। इसके चलते रामलला का दर्शन शनिवार से सुबह साढ़े छह बजे से शुरू होकर अनवरत रात्रि साढ़े नौ बजे तक चलेगा।इस दौरान आरती,श्रृंगार आरती,मध्याह्न राजभोग आरती,संध्या आरती और शयन आरती का दर्शन आम श्रद्धालुओं को भी सुलभ रहेगा। उन्होंने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा के मुहूर्त पर होने वाले अभिषेक का भी दर्शन आम श्रद्धालुओं को सुलभ रहेगा।
अनिल मिश्र ने बताया कि सुरक्षा कारणों से राम मंदिर में दर्शनार्थियों के मोबाइल फोन ले जाने पर प्रतिबंध पहले से चला आ रहा है। इस बीच प्रतिष्ठा द्वादशी के उत्सव में विशिष्ट अतिथियों एवं आमंत्रित अतिथियों को भी मोबाइल ले जाने की अनुमति नहीं रहेगी। उन्होंने बताया कि सभी अतिथि बिड़ला धर्मशाला के सामने जन्मभूमि पथ से प्रवेश करेंगे और पीएफसी के रास्ते में जाकर अपने मोबाइल फोन व अन्य सामग्रियों को लॉकर में जमा कराएंगे।रामलला का दर्शन कर वापस लौट कर सामान वापस लेंगे। पुनः अंगद टीला के प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे।अतिथि रामलला का दर्शन करने के बजाय सीधे कार्यक्रम में सम्मिलित होंगे। उन्हें सुग्रीव किला के रास्ते से कार्यक्रम स्थल की ओर सुरक्षा जांच के पश्चात भेज दिया जाएगा।
अनिल मिश्र ने बताया कि तीर्थ क्षेत्र की ओर से शनिवार से सीता रसोई का भी शुभारंभ हो जाएगा।उन्होंने बताया कि तीन दिवसीय प्रतिष्ठा उत्सव में आने वाले सभी श्रद्धालुओं को यह प्रसाद अंगद टीला के प्रांगण में प्राप्त होगा। प्रसाद वितरण के लिए टीन शेड लगाकर काउंटर बनाए गये हैं। इसके आगे रेलिंग लगाकर अलग-अलग कई लेन बनाई गई है। इस रसोई के लिए गुरुवार को तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने अग्नि पूजन किया था।
बता दें कि प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ पर मंदिर परिसर को 50 क्विंटल से भी अधिक फूलों से सजाया गया है। इसके अलावा 11 नंबर के वीआईपी गेट को भव्य तरीके से सजाया गया है।अन्य द्वारों पर भी फूलों से सजावट की गई है।इस बार प्राण प्रतिष्ठा की वर्षगांठ का उत्सव 22 जनवरी को नहीं, बल्कि 11 जनवरी को मनाया जा रहा है।ऐसा इसलिए क्योंकि हिंदू पंचाग के अनुसार बीते साल 22 जनवरी 2024 को पौष मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी को राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की हुई थी और इस साल वो पावन तिथि 11 जनवरी को है।जिस तरह से देश में होली,गणेश चतुर्थी, महाशिवरात्रि और दिवाली जैसे त्यौहार हिंदू पंचांग के हिसाब से मनाए जाते हैं ठीक उसी तरह से प्राण प्रतिष्ठा उत्सव को भी हिंदू पंचांग की तिथि के मुताबिक मनाया जा रहा है।