प्रयागराज।संगम तट पर आज से विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन महाकुंभ का आगाज हो गया है।महाकुंभ आस्था, भक्ति और आध्यात्मिक एकता के जबरदस्त प्रदर्शन के साथ शुरू हुआ है,जो आज 144 वर्षों में एक बार देखी गई आध्यात्मिक भव्यता की यादों को ताजा कर दिया है।संगम तट पर विश्व भर से श्रद्धालुओं का एक समूह न केवल जप, ध्यान और आध्यात्मिक तृप्ति के लिए एकत्र हुआ,बल्कि महाकुंभ की बेजोड़ सांस्कृतिक विरासत का अनुभव करने के लिए भी एकत्र हुआ।
संगम नोज समेत स्थायी और अस्थायी घाटों पर भारी भीड़ रही है।कई श्रद्धालु दिव्य वातावरण से अभिभूत,नम आंखों के साथ दिखे।वहीं कई प्रार्थना,अनुष्ठान और एकता की भावना में डूबे रहे।दो दिन पहले ही लाखों श्रद्धालुओं ने स्नान करना शुरू कर दिया था,जो दर्शाता है कि 45 दिवसीय महाकुंभ में योगी सरकार द्वारा लगाए गए भीड़ के अनुमान को पार कर सकता है।शुरुआती दिनों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ से पता चलता है कि इस बार का समागम पहले से कहीं ज्यादा बड़ा होगा।
पौष पूर्णिमा पर अपने गहन आध्यात्मिक अनुशासन के लिए जाने जाने वाले कल्पवासियों ने संगम में डुबकी लगाई और 45 दिनों तक चलने वाले अपने आध्यात्मिक एकांतवास की शुरुआत की।कल्पवासी महाकुंभ अवधि के दौरान ब्रह्मचर्य, साधारण जीवन और नियमित प्रार्थना के सख्त व्रत का पालन करते हैं।इस वर्ष देवाधिदेव महादेव की पूजा के लिए शुभ दिन सोमवार को पड़ने वाले पौष पूर्णिमा के संयोग ने इस अवसर को आध्यात्मिक रूप से और भी महत्वपूर्ण बना दिया।
संगम नोज समेत सभी प्रमुख घाटों पर डुबकी लगाते समय श्रद्धालु हर-हर महादेव,जय श्री राम और जय बजरंग बली के जयकारे लगाते नजर आए।बिहार,हरियाणा,बंगाल,ओडिशा, दिल्ली,उत्तराखंड,पंजाब,हिमाचल प्रदेश,महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश समेत विभिन्न राज्यों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आए।
महाकुंभ की भव्यता ने न केवल भारतीय श्रद्धालुओं, बल्कि दुनिया भर से आए श्रद्धालुओं को भी मंत्रमुग्ध कर दिया। संगम घाट पर अंतरराष्ट्रीय तीर्थयात्रियों और आध्यात्मिक साधकों का तांता उत्सव में शामिल हुआ।दक्षिण कोरिया के कई यूट्यूबर इस दिव्य अनुभव को अपने कैमरों में कैद करते नजर आए,जबकि जापान के श्रध्दालुओं ने स्थानीय गाइडों से इस आयोजन के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व को समझने की कोशिश की। रूस-अमेरिका समेत यूरोप के विभिन्न देशों से आए श्रद्धालु आस्था और एकता के इस महापर्व के साक्षी बने और डुबकी भी लगाई।
कई अंतरराष्ट्रीय श्रध्दालुओं में स्पेन की क्रिस्टीना भी शामिल थीं। क्रिस्टीना ने महाकुंभ की भव्यता के लिए अपनी हार्दिक प्रशंसा व्यक्त की और इसे जीवन में एक बार होने वाला अनुभव बताया।महाकुंभ में अपेक्षित भीड़ कई देशों की आबादी को पार करने की उम्मीद है, जो इसे वास्तव में एक वैश्विक आयोजन बनाती है।विदेशी श्रृद्धालु न केवल इस आयोजन को देखने के लिए आकर्षित हुए, बल्कि अनुष्ठानों में सक्रिय रूप से हिस्सा लेते हुए भी देखे गए, जिसमें अन्य देशों के कई साधु और संन्यासी सनातन धर्म को अपनाते हुए और आध्यात्मिक आशीर्वाद के रूप में पवित्र डुबकी लगाते दिखाई दिए।
महाकुंभ की जीवंत ऊर्जा मेला और लेटे हनुमान मंदिर के पास के बाजार क्षेत्रों तक फैल गई। पूजा सामग्री बेचने वाले और तिलक कलाकार श्रध्दालुओं की बढ़ती भीड़ को संभालने में व्यस्त देखे गए।प्रसाद,चुनरी और दीया सामग्री बेचने वाले खुदरा विक्रेताओं ने बताया कि इस साल तीर्थयात्रियों की आमद 2019 के कुंभ मेले से भी अधिक हो गई है।