आगरा।उत्तर प्रदेश के आगरा में एक और पैराशूट नहीं खुलने से फिर एक हादसा हुआ है।शनिवार को एयरक्राफ्ट से छलांग लगाने वाले पैराट्रूपर की जान चली गई है।एक महीने पहले भी पैराशूट न खुलने से एक पैराट्रूपर की जान चली गई थी।आगरा में छह साल में छह पैराट्रूपर इस तरह के हादसों के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं।
शनिवार को 41 वर्षीय रामकुमार तिवारी ने एयर क्राफ्ट से तकरीबन सात हजार फीट की ऊंचाई से अभ्यास छलांग लगाई थी।पैराशूट नहीं खुला,जमीन पर लैंड करते समय पैराशूट में कुछ खामी आ गई,हार्ड लैंडिंग हुई।रामकुमार तिवारी लगभग 50 फीट की ऊंचाई से जमीन पर आ गिरे और गंभीर रूप घायल हो गए,मुंह और नाक से खून बहने लगा, सिर में चोट थी। मौके पर पहुंची रिलीफ टीम ने प्राथमिक उपचार देकर रामकुमार तिवारी को मिलिट्री हॉस्पिटल में भर्ती कराया,जहां इलाज के दौरान रामकुमार की मौत हो गई।सदर पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया है।मौत का कारण सख्त जंप बताई जा रही है।
रामकुमार तिवारी में शुरू से ही कुछ अलग करने की ललक थी।सर्विस के दौरान एनएसजी कमांडो के प्रशिक्षण के लिए आवेदन किया था।शारीरिक दक्षता को देखते हुए उन्हें एनएसजी प्रशिक्षण के लिए चुन लिया गया,जहां रामकुमार ने दुश्मन को धूल चटाने का हर गुर सीखा।रामकुमार ने अपनी लगभग 23 साल की नौकरी में जहाज से सैकड़ों छलांग लगाई थीं,वह कुशल प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके थे।लिहाजा ऐसे में सेना ने रामकुमार को पैरा जंप इंस्ट्रक्टर पर पदोन्नत कर दिया था।रामकुमार पैराट्रूपर्स को एयरक्राफ्ट से जंप करने का प्रशिक्षण दिया करते थे।
बता दें कि रामकुमार तिवारी मूल रूप से प्रतापगढ़ जिले के लालगंज तहसील के बेलाहा गांव के रहने वाले थे।रामकुमार साल 2002 में वायुसेना में भर्ती हुए थे।रामकुमार की पत्नी और दो बेटे वायुसेना के आवास में ही रहते हैं।आकाश गंगा टीम सैकड़ों फीट की ऊंचाई विशेष तरह के करतब दिखाने के लिए जानी जाती है,यह टीम निश्चित समय और स्थान पर जंप करने में माहिर होती है, स्काई डाइविंग में पारंगत होती है।रामकुमार तिवारी इसी टीम के सदस्य थे,वह लगातार अभ्यासरत रहते थे।
बता दें कि इससे पहले आगरा के ड्रॉप जोन मलपुरा में ही फरवरी के महीने में इसी तरह का हादसा हुआ था।जूनियर वारंट आफिसर जीएस मंजूनाथ की भी प्रशिक्षण के दौरान मौत हो गई थी।उस समय मुंबई से 12 जम्पर पंक्ति के साथ एइन 32 एअरक्राफ्ट ने उड़ान भरी थी।आगरा के ड्रॉप जोन मलपुरा में सभी जंपर ने एक साथ छलांग लगाई थी।एयरक्राफ्ट से कूदे 12 में से एक मंजूनाथ का पैराशूट नहीं खुला और वह 1500 फीट की ऊंचाई से सीधे खेत में गिर गए।मौके पर ही उनकी मौत हो गई थी।बीते छह साल में अब तक छह पैराट्रूपर्स इस तरह से अपनी जान गंवा चुके हैं। मंजूनाथ की तरह रामकुमार भी वायुसेना के आगरा स्थित पैराट्रूपर्स प्रशिक्षण स्कूल में प्रशिक्षक थे।