पूर्वांचल सूर्य ब्यूरो,रांची/नई दिल्ली। राष्ट्रीय मत्स्य कृषक दिवस उन मत्स्य कृषकों के लिए समर्पित है,जो भारत की खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने,मछली आधारित प्रोटीन की बढ़ती मांग को पूरा करने और ग्रामीण रोजगार को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।उनके प्रयास न केवल लाखों लोगों की आजीविका को बनाए रखते हैं,बल्कि राष्ट्र के स्थायी जलीय कृषि और एक संपन्न नीली अर्थव्यवस्था के दृष्टिकोण में भी महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
राष्ट्रीय मत्स्य कृषक दिवस-2025 भारतीय मत्स्य पालन क्षेत्र में प्रोफेसर डॉक्टर हीरालाल चौधरी और उनके सहयोगी डॉक्टर केएच अलीकुन्ही के योगदान का सम्मान और स्मरण करने के लिए मनाया जाता है,जिन्होंने वर्ष 1957 में इसी दिन हाइपोफिसेशन तकनीक द्वारा भारतीय मेजर कार्प्स में प्रेरित प्रजनन और प्रजनन का मार्गदर्शन किया था,जिससे अंततः अंतर्देशीय जलीय कृषि के क्षेत्र में क्रांति आई।इस दिन को मनाने का उद्देश्य देश के मत्स्य पालन क्षेत्र के विकास में मछली किसानों,उद्यमियों और मछुआरों द्वारा किए गए योगदान को पहचानना और हमारे मत्स्य संसाधनों को स्थायी रूप से प्रबंधित करने के तरीकों पर सामूहिक रूप से सोचने और चर्चा करने के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है।
राष्ट्रीय मत्स्य कृषक दिवस मछली प्रोटीन की बढ़ती मांग को पूरा करने,रोजगार के अवसर पैदा करने और देश की खाद्य सुरक्षा में योगदान देने में मछली कृषकों द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करता है।यह आधुनिक जलीय कृषि तकनीकों को अपनाने,मछली उत्पादकता में सुधार करने और जलीय संसाधनों के संरक्षण में उनके समर्पण और नवाचार को उजागर करता है।पिछले कुछ वर्षों में मत्स्य पालन क्षेत्र ने वैज्ञानिक अनुसंधान और तकनीकी हस्तक्षेपों द्वारा संचालित उल्लेखनीय प्रगति देखी है।
मत्स्य पालन के क्षेत्र में 38572 करोड़ रुपए का संचयी निवेश
भारत सरकार हमेशा मत्स्य पालन क्षेत्र को समग्र रूप से बदलने और देश में नीली क्रांति के माध्यम से आर्थिक सुधार और समृद्धि लाने में सबसे आगे रही है। वर्ष 2015 से भारत सरकार ने मत्स्य पालन क्षेत्र में 38,572 करोड़ रुपये का संचयी निवेश किया है।इन प्रयासों के परिणामस्वरूप भारत का मछली उत्पादन दोगुना से अधिक हो गया है,जो वित्त वर्ष 2013-14 में 95.79 लाख टन से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में रिकॉर्ड 195 लाख टन हो गया है,जो आश्चर्यजनक 104 प्रतिशत की वृद्धि है।अंतर्देशीय मत्स्य पालन और जलीय कृषि में अकेले 140 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है, जो भारत के जल संसाधनों और सरकार की साहसिक पहलों की शक्ति को दर्शाता है।
झींगा मछली उत्पादन में 270प्रतिशत की वृद्धि
सीफ़ूड निर्यात ने एक और सफलता की कहानी देखी है,जो 60,500 करोड़ रुपए को पार कर गया है,जो झींगा निर्यात में भारत के वैश्विक नेतृत्व की पुष्टि करता है। पिछले दशक में झींगा उत्पादन में 270 प्रतिशत की वृद्धि हुई है,जिससे लाखों रोज़गार के अवसर पैदा हुए हैं और देश में मछुआरे समुदाय को सशक्त बनाया गया है।
भुवनेश्वर में मनाया जाएगा राष्ट्रीय मत्स्य कृषक दिवस केंद्रीय मंत्री होंगे शामिल
मत्स्य पालन विभाग,मत्स्य पालन,पशुपालन और डेयरी मंत्रालय आज गुरुवार को केंद्रीय मीठाजल जलीय कृषि संस्थान भुवनेश्वर में राष्ट्रीय मत्स्य कृषक दिवस 2025 मनाएगा।इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री, (मत्स्य पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय और पंचायती राज मंत्रालय) राजीव रंजन सिंह, प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल,राज्य मंत्री, (मत्स्य पशुपालन, डेयरी और पंचायती राज), जॉर्ज कुरियन,राज्य मंत्री और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय और मत्स्य पालन मंत्री, ओडिशा सरकार गोकुलानंद मलिक शामिल होंगे। कार्यक्रम के हिस्से के रूप में केंद्रीय मंत्री प्रमुख मत्स्य पालन पहलों की एक श्रृंखला शुरू करेंगे।इनमें नए मत्स्य पालन क्लस्टरों की घोषणा,आईसीएआर प्रशिक्षण कैलेंडर जारी करना और मत्स्य पालन क्षेत्र में गुणवत्ता,मानकीकरण और क्षमता निर्माण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बीज प्रमाणीकरण और हैचरी संचालन पर दिशा-निर्देशों का अनावरण शामिल है।केंद्रीय मंत्री पारंपरिक मछुआरों,सहकारी समितियों/एफएफपीओ, केसीसी कार्डधारकों और होनहार मत्स्य पालन स्टार्ट-अप सहित मत्स्य पालन लाभार्थियों को भी सम्मानित करेंगे। इसके अलावा वर्चुअल आधारशिला रखी जाएगी और पीएमएमएसवाई-समर्थित मत्स्य पालन परियोजनाओं का उद्घाटन किया जाएगा,जो इस क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास,उद्यमिता को बढ़ावा देने और समावेशी विकास की दिशा में एक मजबूत कदम है।केंद्रीय मंत्री इस क्षेत्र की प्रगति पर प्रकाश डालते हुए मुख्य भाषण भी देंगे और मत्स्य पालन क्षेत्र में नवीनतम रुझानों,सर्वोत्तम प्रथाओं और उभरते अवसरों के बारे में बहुमूल्य जानकारी देंगे। देश भर की राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी समारोह में भाग लेंगे।मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी विभाग,भारत सरकार देश भर के मछली पालकों और मछुआरों के अथक प्रयासों को स्वीकार करता है,जिनके समर्पण और कड़ी मेहनत ने भारतीय मत्स्य पालन क्षेत्र की सफलता में प्रमुख भूमिका निभाई है। यह उत्सव उनके महत्वपूर्ण योगदान को पहचानने और आभार व्यक्त करने का अवसर प्रदान करता है।भारत का मछली उत्पादन पिछले 11 वर्षों में दोगुना से अधिक होकर 195 लाख टन हो गया है।
पूरे भारतवर्ष में मछली का उत्पादन बढ़कर 195 लाख टन प्रतिवर्ष
राष्ट्रीय मत्स्य कृषक दिवस की पूर्व संध्या (बुधवार को) जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार भारत का मछली उत्पादन वित्त वर्ष 2013-14 में 95.79 लाख टन से बढ़कर वित्तीय वर्ष 2024-25 में रिकॉर्ड 195 लाख टन हो गया है, जो केंद्र द्वारा शुरू की गई देश की नीली क्रांति की सफलता को दर्शाता है।
मत्स्य किसान प्रशिक्षण केंद्र, शालीमार, धुर्वा में आज मनाया जाएगा राष्ट्रीय मत्स्य कृषक दिवस
रांची।राजधानी रांची स्थित धुर्वा में मत्स्य किसान प्रशिक्षण केंद्र शालीमार में आज गुरुवार को राष्ट्रीय मत्स्य कृषक दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इस मौके पर मत्स्य निदेशालय के निदेशक, उपनिदेशक, संयुक्त निदेशक, मत्स्य किसान प्रशिक्षण केंद्र के मुख्य अनुदेशक, जिला के मत्स्य पदाधिकारी व कर्मचारी सहित मत्स्य किसान भाग लेंगे।