यमुना एक्सप्रेसवे हादसे से सबक:यूपी में एक्सप्रेसवे पर घटी स्पीड लिमिट,इससे ज्यादा रफ्तार से दौड़ाई गाड़ी तो कटेगा भारी चालान 

यमुना एक्सप्रेसवे हादसे से सबक:यूपी में एक्सप्रेसवे पर घटी स्पीड लिमिट,इससे ज्यादा रफ्तार से दौड़ाई गाड़ी तो कटेगा भारी चालान 

18 Dec 2025 |  28

 



लखनऊ।उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में मंगलवार को यमुना एक्सप्रेसवे पर हुए भीषण हादसा हुआ था।हादसे में नौ गाड़ियां आपस में टकरा गई थीं।अब तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है।इस हादसे से सबक लेते हुए यूपी में एक्सप्रेसवे पर स्पीड लिमिट घटा दी गयी है।उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने यूपी के सभी एक्सप्रेसवे पर गाड़ियों की स्पीड लिमिट 120 से घटाकर 80 किलोमीटर प्रति घंटा कर दी है। यूपीडा ने इस संबंध में शासन को प्रस्ताव भेजकर विचार करने का अनुरोध किया था।इस कदम का मुख्य उद्देश्य कोहरे में वाहनों के बीच सुरक्षित दूरी बनाए रखना और अचानक ब्रेक लगाने की स्थिति में होने वाले मल्टी-व्हीकल कोलिजन (एक के बाद एक गाड़ियों का टकराना) को रोकना है। 



बता दें कि यह नई स्पीड लिमिट यूपी के उन सभी प्रमुख एक्सप्रेसवे पर लागू होगी,जिनका संचालन यूपीडा करता है।यूपीडा आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे,पूर्वांचल एक्सप्रेसवे,बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे,गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का संचालन करता है।यूपी में 15 फरवरी तक घना कोहरा रहता है।ऐसे में पाबंदी 15 फरवरी तक प्रभावी रहेगी।कोहरा छंटने और मौसम साफ होने के बाद स्पीड लिमिट को वापस सामान्य कर दी जाएगी।



नियम तोड़ने वालों का कटेगा भारी चालान



अगर किसी ने स्पीड लिमिट 80 किलोमीटर से ज्यादा रफ्तार से गाड़ी दौड़ाई तो उस पर कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी। एक्सप्रेसवे पर लगे स्पीड कैमरों और हाई-टेक सेंसर के जरिए वाहनों की गति की निगरानी होगी। निर्धारित सीमा से अधिक रफ्तार होने पर टोल प्लाजा पर पहुंचने से पहले ही वाहन का ऑनलाइन चालान कट जाएगा।



यूपीडा की पेट्रोलिंग टीमें स्पीड गन के साथ तैनात



पुलिसकर्मी भी तेज रफ्तार भरने वाले वाहनों पर नजर रखेंगे। स्पीड लिमिट के अलावा यूपीडा यात्रियों से फॉग लाइट का उपयोग करने,रिफ्लेक्टिव टेप लगाने और इंडिकेटर्स चालू रखने की अपील भी कर रहा है।यह कदम उन दर्जनों लोगों की जान बचाने के लिए उठाया गया है जो हर साल सर्दियों में कोहरे के कारण होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवा देते हैं। शासन का मानना है कि थोड़ी देरी से पहुंचना, जान गंवाने से कहीं बेहतर है।


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