गोरखपुर में पहले बादल गरजे, फिर नरेन्द्र मोदी..
यूपी की सपा सरकार और कांग्रेस, बी.एस.पी. पर भी बरसे.
23 Jul 2016 | 726
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा को लेकर भाजपा नेताओं ने जो रणनीति बनाई थी वह कारगर साबित हुई। मौसम के बदले मिजाज के बावजूद प्रधानमंत्री को सुनने के लिए गोरखपुर के खाद कारखाना परिसर में जन सैलाब उमड़ पड़ा। युवाओं में वही जोश देखने को मिला जो दो साल पहले मानबेला के मैदान में दिखा था। पीएम जैसे ही मंच पर पहुंचे, मोदी-मोदी के नारे से परिसर गूंज उठा। जिधर भी नजर डालो, भीड़ ही नजर आ रही थी।
प्रधानमंत्री का 22 जुलाई को जब गोरखपुर में कार्यक्रम तय हुआ तो भाजपा नेताओं के सामने भारी भीड़ जुटाने की चुनौती थी। प्रधानमंत्री पूर्वांचल की जनता को बड़ा तोहफा देने आ रहे थे। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण था कि 1990 के बाद अब तक छह प्रधान मंत्री गुरु गोरक्षनाथ की तप: स्थली पर आए।
सभी के समक्ष बंद खाद कारखाने को शुरू करने का मुद्दा उठा, पर किसी ने इसकी सुध नहीं ली। लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी ने जनता से वादा किया था कि केंद्र में सरकार बनी तो खाद कारखाना शुरू किया जाएगा। गोरखपुर में एम्स और खाद कारखाने के शिलान्यास की जब तिथि तय हुई तो पूर्वांचल में खुशी की लहर दौड़ गई। इसी के साथ पार्टी के लोग पीएम की रैली को ऐतिहासिक बनाने में जुट गए।
मोदी ने एम्स और खाद कारखने की आधारशिला रखी. फिर रैली में वर्तमान सपा सरकार की जमकर खबर ली. उन्होंने न सिर्फ क़ानून-व्यवस्था बल्कि विकास और परिवारवाद के मुद्दे पर भी सपा को घेरा. प्रधानमंत्री ने बीएसपी और कांग्रेस को भी आड़े हाथ लेते हुए विकास की राजनीति करने की चुनौती दी.