बिहार: नीतीश सरकार की शराबबंदी का हश्र, शराब पीने से 12 की मौत
प्रशासन द्वारा लिपा-पोती का काम शुरू
17 Aug 2016 | 2787
महागठबंधन के मुखिया नीतीश कुमार बिहार में शराबबंदी को लेकर अपनी पीठ भले ही थपथपाते रहे है लेकिन समय के साथ अब उसकी पोल खुलने लगी है. बिहार के गोपालगंज में जहरीला शराब पीने से एक दर्जन से भी ज्यादा लोगों की मौत हो गयी है. लोगों का आरोप है कि शराब की वजह से मौत हुई है लेकिन प्रशासन ने शराब से मौत से इनकार किया है और जांच के आदेश दिए हैं.
मरने वालों के घरवालों का आरोप है कि शराब पीने से सभों की मौत हुई है लेकिन गोपालगंज पुलिस का कहना है कि मौत शराब के कारण नहीं हुई है बल्कि बीमारी से हुई है. इस घटना के बाद शराब बेचने के आरोप में एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है.
शराब बंद करके नीतीश ने पेट्रोल का भाव बढ़ा दिया लेकिन बिहार में शराब बंद नहीं हुई है. गोपालगंज में शराब पीने से 12 लोगों की मौत की घटना मंगलवार की है.
जिन लोगों की मौत हुई है उनमें से चार लोग एक ही मोहल्ले के थे. स्थानीय लोगों का कहना है कि कई लोगों को तो निजी अस्पताल में भी भर्ती कराया गया है तो कुछ लोगों को गोरखपुर के अस्पताल में भी रेफर किया गया है.
बिहार में नीतीश कुमार ने शराबबंदी को नाक का सवाल बनाया हुआ है, लेकिन अब सवाल ये है कि बिहार में जब शराब पर बैन है तो इन लोगों को शराब कहां से और कैसे मिली. प्रशासन फिलहाल शराब से मौत की बात कहने से हिचक रहा है क्योंकि अधिकारियों को कुर्सी जाने का खतरा है. पुलिस ने 50 बोतल शराब के साथ एक शख्स को पकड़ा है. शराब को लेकर नीतीश कुमार ने सख्त कानून बना रखा है. ऐसे में कुछ अधिकारियों पर कार्रवाई तय है.
इससे पहले 10 थानों के थाना प्रभारी को शराब मिलने के बाद हटा दिया गया था जिसके बाद से राज्य भर के पुलिस वाले पहले से ही सरकार के नियम के खिलाफ खड़े हैं.