तो नितीश ने मान लिया कि बिहार में गुंडा राज है....

शराबबंदी पर नीतीश ने जताया जान का डर, कहा- कुछ भी कर सकते हैं माफिया

02 Aug 2016 |  555

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आखिर यह मान लिया कि राज्य में क़ानून को लेकर हालत इस कदर ख़राब हो चूका है कि स्वयं मुख्यमंत्री भी राज्य में सुरक्षित नहीं. शराबबंदी पर चर्चा का जवाब देते हुए नीतीश कुमार ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि बिहार में शराबबंदी करने का मतलब बि‍ढ़नी के छत्ते में हाथ डालना है और इसमें कुछ भी हो सकता है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता नंदकिशोर यादव ने कहा कि वो शराबबंदी के खिलाफ नहीं हैं क्योंकि शराब की वजह से उनकी बेटी विधवा हो गई. लेकिन जिस तरीके से नीतीश कुमार शराब पर पाबंदी लगा रहें है, इसका सबसे ज्यादा असर गरीब तबके पर पड़ेगा, पुलिस जिसको चाहेगी उसे अंदर कर देगी. नंदकिशोर यादव ने कानून के उस धारा की चर्चा की, जिसमें घर में शराब मिलने पर घर के 18 वर्ष से ऊपर के सभी सदस्य जेल जाएंगे और उनकी संपत्ति जब्त होगी. नंदकिशोर यादव ने आशंका जताई कि ऐसे कानून से लोग एक दूसरे को फंसा सकते हैं. पुलिस किसी को भी फंसा सकती है और इंस्पेक्टर राज कायम हो जाएगा. परिवार का मुखिया जेल चला जाएगा, तो उसका भरण-पोषण कौन करेगा. ये जंगल का कानून है. विधानसभा के अंदर व्हि‍प जारी होने की वजह से सत्ताधारी दल के नेता सरकार के साथ रहें, लेकिन बाहर आने के बाद उन्होंने इसकी आलोचना शुरू कर दी. आरजेडी के विधायक भाई वीरेंद्र ने इस कानून में संशोधन को जरूरी बताया. वरिष्ठ बीजेपी नेता नंदकिशोर यादव ने कहा, 'आज जो विधेयक शराबबंदी के रूप में लाया जा रहा है, वह तालिबानी कानून है. शराबबंदी के चार महीने होने पर ये जो कानून आया है, इसमें शराब की बोतल घर में मिलने पर परिवार में मां, बहन, बेटी जो भी बालिग है उसे दोषी मान लिया जाएगा. इसका हमने विरोध किया है. इस विधेयक के विरोध में राज भवन में मार्च करेंगे.'

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