झूमरा पहाड़ का अस्तित्व खतरे में:रवि कुमार महतो

झूमरा पहाड़ का अस्तित्व खतरे में:रवि कुमार महतो

05 Dec 2024 |  21

 

पूर्वांचल सूर्य प्रतिनिधि,रामगढ़।झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के केंद्रीय संगठन महामंत्री सह कोर कमेटी सदस्य रवि कुमार महतो ने कहा कि बसन्तपुर कोतरे परियोजना सीसीएल की अतिमहत्वाकांक्षी परियोजना,जिसमें 1162 हेक्टेयर जमीन जंगल यानी  2872 एकड़  जमीन/जंगल को उजाड़कर 50 लाख मीट्रिक टन प्रति वर्ष कोयला का उत्पादन करना लक्ष्य है।क्या विकास के लिए जंगलों का विनाश जरूरी है,क्या जंगल के बिना जीवन संभव है। यह परियोजना क्षेत्र वासियों के लिए अभिशाप साबित होगी। 

 

रवि कुमार महतो ने कहा कि 2872 एकड़ जंगल का काटा जाना।सरकार क्यों नहीं वैकल्पिक ऊर्जा की श्रोतों का खोज करती है।कोयला आज है कल नहीं सरकार को रिन्यूएबल सोर्स ऑफ एनर्जी की ओर पहल करनी चाहिए न कि जंगल नष्ट करना चाहिए। 

 

रवि कुमार महतो ने कहा कि झुमरा पहाड़ का अस्तित्व खतरे में,चूटवा नदी का अस्तित्व खतरे में,वन्य जीवों का अस्तित्व खतरे में,जलवायु परिवर्तन का दंश,आप पलायन को मजबूर होंगे,आने वाली पीढ़ी को क्या आप बंजर जमीन देंगे,वनोत्पादों पर खतरा,प्रदूषण से संक्रमित रोगों का खतरा, इकोसिस्टम पर खतरा,वनोत्पादों पर निर्भर जनजातियों पर खतरा। रवि कुमार महतो ने कहा कि जल जंगल जमीन हमारा है उस पर अधिकार हमारा है। 

 

रवि कुमार महतो ने कहा कि झुमरा पहाड़ सहित बसन्तपुर, रहावन,पचमो,केदला,घाटो की भविष्य के बारे में सोचें आने वाले समय में क्या बचेगा वहां, बंजर जमीन बचेंगे,कृषि योग्य भूमि व जंगल से खनन कर ली जाएगी,वन को समाप्त कर दिया जाएगा,आप कहां जाएंगे।कुछ साल के बाद आपको पलायन करने को मजबूर होना पड़ेगा।सोचे विचारें तभी अपना जल जंगल जमीन दें। 

 

रवि कुमार महतो ने कहा कि जंगल के बदले जंगल की बात होगी,जल के बदले जल की बात होगी,जंगली जानवरों के बदले जंगली जानवरों की बात होगी,वनोत्पादों के बदले वनोत्पादों की बात होगी। रवि कुमार महतो ने कहा कि नौकरी लेकर नौकर बनना है आपको या जमीन के साथ मालिक बने रहना है।अब जमीन के बदले नौकरी नहीं कृषि योग्य जमीन की बात होगी,हिस्सेदारी की बात होगी।

 

रवि कुमार महतो ने कहा कि क्षणिक लोभ के कारण कुछ सालों में आपका पूरा भविष्य आने वाली पीढ़ी का भविष्य अंधकारमय होगी।अपनी पीढ़ी को हम लोग क्या देंगे,बंजर जमीन देंगे। अभी भी समय है साथियों समय रहते हम लोग आंदोलित होते हैं।अपने हक और अधिकार को समझें जानें तभी हम लोगों का अस्तित्व बचेगा। अगर जल जंगल जमीन नहीं है तो अपना वजूद भी नहीं बचेगा। आने वाली पीढ़ी के बारे में सोचें। अभी आप दो एकड़ जमीन देंगे एक नौकरी ले लेंगे आपका भविष्य अच्छा होगा आने वाली पीढ़ी का भविष्य अच्छा हो पाएगा क्या,आप कभी सोचे हैं।उनके पास कृषि योग्य जमीन ही नहीं बचेगी। वो पलायन करने को मजबूर होंगे। 

 

रवि कुमार महतो ने कहा कि अभी 2872 एकड़ जंगल को समाप्त करने की योजना में करोड़ों पेड़ काटे जाएंगे,लाखों जानवर नष्ट हो जाएंगे इसका दुष्प्रभाव पूरे ecosystem को चुकाना पड़ेगा। पर्यावरणीय क्षति कौन पूरा करेगा।इतना सारा जंगल विकसित होने में वर्षों लगेंगे।

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