पूर्वांचल सूर्य प्रतिनिधि,इटखोरी (चतरा)।प्रखंड के करनी निवासी अर्पणा कुमारी पीएचडी शोधार्थी ने दसवीं के परीक्षार्थियों को टिप्स देते हुए कहा कि 10वीं बोर्ड परीक्षा एक छात्र के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण और निर्णायक मोड़ होती है,जो उनके भविष्य के सपनों और संभावनाओं को आकार देती है।यह वह पल है जब एक छोटी सी गलती भी बड़ी चुनौती बन सकती है,लेकिन यह भी वही क्षण है जब सही मार्गदर्शन,आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत से छात्र अपने सपनों को हकीकत में बदल सकते हैं।
अर्पणा कुमारी ने कहा कि जैसे-जैसे परीक्षा का समय नजदीक आता है माता-पिता और शिक्षकों की जिम्मेदारी परीक्षार्थियों के प्रति और बढ़ जाती है। वे छात्रों को मानसिक समर्थन देने के साथ-साथ एक ऐसा वातावरण तैयार करते हैं, जिसमें छात्र खुद को सुरक्षित महसूस करें।बिना किसी दबाव के अपनी पूरी क्षमता का उपयोग कर सकें। उन्हें यह विश्वास दिलाना चाहिए कि वे पहले से बेहतर हैं और किसी भी हाल में खुद से तुलना न करें, क्योंकि हर छात्र की अपनी खासियत होती है।
अर्पणा कुमारी ने कहा कि छात्रों को इस समय आत्मविश्वास से भरपूर रहना चाहिए और यह समझना चाहिए कि सफलता केवल अच्छे अंक प्राप्त करने में नहीं, बल्कि पूरी तरह से तैयार हो कर अपनी श्रेष्ठता साबित करने में है। परीक्षा के आखिरी दिनों में छात्रों को एक ठोस रणनीति अपनानी चाहिए।पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों का नियमित अभ्यास करना, अपनी कमजोरियों को पहचानकर उन पर काम करना और यह सुनिश्चित करना कि वे समय प्रबंधन का ध्यान रखें।
अर्पणा कुमारी ने कहा कि स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी जरूरी है क्योंकि शरीर और मन का अच्छा स्वास्थ्य ही सफलता का मूल मंत्र है।रोज़ एक घंटा व्यायाम करें, सही आहार लें और पूरी नींद लें, ताकि शरीर और मस्तिष्क तरोताजा रहें। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आत्मविश्वास बनाए रखें और खुद से कहें मैं अपना सर्वश्रेष्ठ हूं और मैं इसे हासिल करूंगा।यह विश्वास न केवल परीक्षा में बल्कि जीवन की हर चुनौती को पार करने में सहायक होगा।इस समग्र दृष्टिकोण,संयमित अध्ययन,मानसिक स्पष्टता,शारीरिक और सकारात्मक मानसिकता छात्रों को न केवल परीक्षा में, बल्कि हर पहलू में सफलता और उत्कृष्टता की ओर मार्गदर्शन करेगा।