अधिकारियों को विकास की जल्दी थी या फिर नेताजी को शिलापट्ट लगाने का जुनून
5 वर्षों में एक ही सड़क को तीन अलग-अलग विभागों ने बना दी नई सड़क
पूर्वांचल सूर्य संवाददाता,पालोजोरी,देवघर।झारखंड में आए दिनों सरकारी विभागों के काम चर्चा में रहते हैं।अधिकारियों की लालफिताशाही और इंस्पेक्टर राज की वजह से सरकार को इसकी किरकिरी उठानी पड़ती है।मामला देवघर जिले के पालोजोरी प्रखंड के जमुआ पंचायत से एक ग्रामीण सड़क से जुड़ा है,जहां बीते 5 वर्षों के अंदर एक ही सड़क को तीन अलग-अलग विभाग ने सरकारी खर्चे पर नई सड़क बना दिया। सड़क निर्माण से संबंधित शिलान्यास का शिलापट्ट ये बताने के लिए काफी है कि इस काम के लिए अधिकारियों की जल्दी रही होगी या फिर नेता जी को शिल्लापट्टा लगाने का जुनून रहा होगा।
जमुआ पंचायत के ताराबाद गांव से टेंगेबेड़ा आदिवासी टोला तक लगभग डेढ़ किलोमीटर की ग्रामीण सड़क को वर्ष 2019 में ग्रामीण विकास विभाग विशेष प्रमंडल द्वारा डीएमएफडी फंड से लाखो खर्च कर पीसीसी पथ का निर्माण किया गया। पुनः इसी सड़क को वर्ष 2021 में 4 लाख 27 हजार खर्च कर मनरेगा के तहत मिट्टी मोरम का कार्य किया किया। वर्ष 2023 को फिर ताराबाद से टेंगेबेड़ा सड़क को ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत पथ निर्माण कराया गया। हालांकि मनरेगा योजना को छोड़ अन्य दो योजनाओं के प्राकलन और योजना से संबंधित कोई भी सूचना पट्ट नहीं है,जिससे ये जानकारी मिल सके की योजना में कितना खर्च हुआ है।
हालांकि इन तीनों योजनाओं में एक समानता है कि तत्कालीन स्थानीय विधायक द्वारा इन कार्यों के लिए किए गए शिलान्यास से संबंधित शिलापट्ट इस बात की गवाही दे रहे है कि सरकारी राशि का दुरुपयोग कर एक ही सड़क को तीन अलग-अलग विभागों ने कैसे एक ही सड़क को 5 वर्षों के दौरान लूट लिया। पूरे मामले को लेकर इस बाबत किसी भी विभाग का कोई अधिकारी कुछ भी बताने से सहम रहा है।बरहाल अब इस मामले को लेकर कितनी सरकारी कार्रवाई अधिकारियों और विभागों पर हो पाती है यह तो देखना होगा,लेकिन एक ही सड़क को तीन अलग-अलग विभागों द्वारा करोड़ों की राशि खर्च कर बना दीजिए यह मामला सुर्खियों में है।