नहीं बन सका झरपो बिजली सब स्टेशन और नही पूर्ण प्रखंड का मिला दर्जा

नहीं बन सका झरपो बिजली सब स्टेशन और नही पूर्ण प्रखंड का मिला दर्जा

30 Dec 2024 |  14

नहीं बन सका झरपो बिजली सब स्टेशन और नही पूर्ण प्रखंड का मिला दर्जा

 

प्रखंड के लोगों को अब भी पुराने प्रखंड का लेना पड़ता है सहारा

 

पूर्वांचल सूर्य प्रतिनिधि,टाटीझरिया।अभी अलविदा मत कहो दोस्तों,न जाने कहां फिर मुलाकात हो,क्योंकि बीते हुए लम्हों की कसक साथ तो होगी।इसी गाने के साथ सन 2024 अब हमसे अलविदा होने जा रहा है।हमारे अरमान जो इस वर्ष पूरे नहीं हुए उसे अगले वर्ष पूरे होने की आस के साथ टाटीझरिया वासी नए अंग्रेजी वर्ष 2025 में प्रवेश करने को तैयार हैं।यहां की चिर-परिचित और प्रतीक्षित मांगों में से एक  झरपो बिजली सब स्टेशन को चालू करवाने की है। 10 वर्षों में यह सब स्टेशन अब तक चालू नहीं हो पाया है। इसका शिलान्यास तत्कालीन मंत्री राजेंद्र सिंह,जयप्रकाश भाई पटेल और तत्कालीन विधायक अमित कुमार यादव के संयुक्त कल कमलों से 11 सितंबर 2014 को किया गया था। हालांकि अब यह सब स्टेशन बनकर बिल्कुल तैयार है।थोड़े से कार्य न हो पाने की वजह से यह अधूरा है और मुंह चिढ़ाने के लिए काफी है। 

 

टाटीझरिया प्रखंड मुख्यालय के ठीक सामने मुरूमातु गांव को 7 साल पूर्व प्रधानमंत्री आदर्श गांव बनाने के लिए चयनित किया गया था,लेकिन सात साल में यदि इस दिशा में कोई कार्य हुआ तो वह है केवल बैठकें और ग्राम सभाएं। वहीं 2021- 22 में सांसद आदर्श ग्राम पंचायत बनाने के लिए धरमपुर पंचायत को तत्कालीन सांसद जयंत सिन्हा का अनुशंसा था।डीसी के निर्देश पर इस दिशा में यदि कुछ प्रगति हुई तो वह है बैठक और कुछ नहीं। पंचायत वासी ठगे महसूस कर रहें हैं।

 

इसी प्रकार टाटीझरिया प्रखंड में अब तक स्वास्थ्य विभाग का ना आना,श्रमप्रवर्तन विभाग,समाज कल्याण विभाग समेत अन्य विभाग टाटीझरिया प्रखंड में नहीं आने से क्षेत्र के ग्रामीणों की परेशानी पिछले 16 वर्षों से ज्यादा ही बढ़ गई है। ग्रामीणों की मांग,समस्याओं से छुटकारा दिलाने की धरी रह गई।हम सब जानते हैं कि हमलोग टाटीझरिया प्रखंड क्षेत्र के निवासी हैं पर उक्त विभागों में अभी भी टाटीझरिया अलग प्रखंड नहीं है।स्वास्थ्य विभाग,समाज कल्याण विभाग समेत अन्य विभागों के रजिस्टर के निरीक्षण से यह साबित हो जाएगा कि टाटीझरिया प्रखंड है ही नहीं।

 

अनेकों लोग साइबर ठगी के शिकार हुए हैं,जिनमें आवास निर्माण को लेकर ठगी,सुकन्या समृद्धि योजना,एटीएम सुधारने,गिफ्ट आने को लेकर,लोन दिलाने के नाम पर ठगी शामिल है।पूरे साल भर में कई  व्यक्तियों की मौत सड़क दुर्घटना और कई मवेशियों की मौत बज्रपात से हुई है।

 

केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना हर घर नल -जल पूरे प्रखंड क्षेत्र में लगभग फेल है। कई पंचायतों में यह तो अब तक चालू भी नहीं हो सका है।करम्बा ,हरदिया,चुड़को समेत अन्य आदिवासी गांव में अब भी ग्रामीणों को सड़क और पुल निर्माण की प्रतिक्षा है। 24 वर्ष बाद डूमर पंचायत के बेड़म गांव में बीते चुनाव में मतदान केंद्र बनाया गया,जिससे वहां के मतदाता काफी प्रसन्न थे। वहीं टाटीझरिया में झारखंड आवासीय बालिका विद्यालय इस वर्ष चालू हुआ ,जो प्रसन्नता का विषय है।

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