अयोध्या।भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ के समारोह की तैयारियां जोरों पर हैं।यह समारोह 11 से 13 जनवरी तक आयोजित होगा।
रामलला पीतांबरी पोशाक पहनकर दर्शन देंगे।रामलला के लिए दिल्ली में विशेष वस्त्र तैयार किए जा रहे हैं। इन वस्त्रों की बुनाई और कढ़ाई सोने-चांदी के तार से की जा रही है। साथ ही जगह-जगह चांदी की छाप भी बनाई जा रही है। यह वस्त्र 10 जनवरी तक राम नगरी पहुंच जाएंगे।
11 जनवरी को समारोह का शुभारंभ रामलला के अभिषेक से होगा। सुबह 10 बजे से रामलला का पूजन और अभिषेक का सिलसिला शुरू होगा। प्राण प्रतिष्ठा समारोह में जिस विधिविधान से रामलला का अभिषेक किया गया था, उसी तर्ज पर प्रतिष्ठा द्वादशी पर भी रामलला का अभिषेक पंचामृत, सरयू जल आदि से किया जाएगा।अभिषेक-पूजन के बाद ठीक 12:20 बजे रामलला की महाआरती होगी।
22 जनवरी को 12:20 बजे ही रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान हुआ था।रामलला के लिए वस्त्र डिजाइनर मनीष त्रिपाठी विशेष वस्त्र तैयार कर रहे हैं।ट्रस्ट की ओर से मिली जानकारी के अनुसार रामलला के वस्त्र की बुनाई-कढ़ाई सोने-चांदी के तारों से की जा रही है।यह वस्त्र अन्य कई रत्नों से जड़ित होंगे।पीला रेशम दक्षिण भारत के आंध्र प्रदेश के धर्मावरम से मंगाया गया है। इस रेशम की खासियत यह है कि इसका रंग लंबे समय तक बना रहता है, चमक भी बरकरार रहती है। इस समय सर्दी का मौसम चल रहा है इसलिए रामलला के लिए पश्मीना के अंगवस्त्र यानी धोती और दुपट्टा भी तैयार किए जा रहे हैं। इस पर भी सोने-चांदी से कढ़ाई की जा रही है। प्रतिष्ठा द्वादशी की तिथि पर रामलला स्वर्ण मुकुट, स्वर्ण हार सहित अन्य आभूषण भी धारण करेंगे।
राम मंदिर न सिर्फ भव्यता बल्कि सुविधाओं के मामले में भी अव्वल साबित हो रहा है।भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के एक वर्ष पूरा होने वाला है।एक साल में राम मंदिर में कई सुविधाएं विकसित की गई हैं। अब श्रद्धालुओं को रामलला के सुगम दर्शन प्राप्त हो रहे हैं।श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ी है और रोजाना एक लाख श्रध्दालु पहुंच रहे हैं।
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को हुई थी। प्राण प्रतिष्ठा के बाद से अब तक श्रद्धालुओं के लिए कई सुविधाएं विकसित की जा चुकी हैं।राम जन्मभूमि पथ पर तीर्थ यात्री सेवा केंद्र का संचालन हो रहा है।यहां श्रद्धालुओं को बैठने के लिए इंतजाम किए गए हैं।यहां पर दान काउंटर,पास काउंटर और पूछताछ केंद्र भी विकसित किया गया है। इसके अलावा राम जन्मभूमि परिसर में तीर्थ यात्री सुविधा केंद्र का निर्माण पूरा हो चुका है।सुविधा केंद्र में श्रद्धालुओं का सामान जमा करने के लिए 25 हजार लाकर बनाए गए हैं।
इसके अलावा दिव्यांग और बुजुर्ग श्रद्धालुओं के लिए ट्रस्ट की ओर से निशुल्क व्हीलचेयर की सुविधा प्रदान की जाती है। राम जन्मभूमि दर्शन पथ पर एटीएम भी लगे हैं। साथ ही पेयजल की भी सुविधा है।श्रद्धालुओं को धूप और गर्मी से बचाने के लिए जर्मन हैंगर लगाया गया है। दर्शन पथ पर पहुंचते ही बड़ी-बड़ी एलइडी स्क्रीन पर रामलला के दर्शन मिलने लगते हैं।
श्रद्धालुओं को रामलला की आरती में भी शामिल होने का मौका मिल रहा है।रामलला की तीन आरती में शामिल होने के लिए पास की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा वीआईपी दर्शन के लिए दो तरह के पास भी जारी किए जाते हैं। तीर्थ यात्री सुविधा केंद्र परिसर में अपोलो की ओर से आधुनिक सुविधा से युक्त इमरजेंसी अस्पताल भी खोल दिया गया है। दर्शन के दौरान बीमार होने पर श्रद्धालुओं को तत्काल इलाज मिल सकेगा। दर्शन पथ पर मोबाइल चार्जिंग सेंटर भी बनाए गए हैं। खोया पाया कैंप, जगह-जगह सेल्फी पॉइंट की भी सुविधा है।
मंदिर ट्रस्ट के अनुसार लगभग 110 आमंत्रित वीआईपी भी इसमें शामिल होंगे।अंगद टीला स्थल पर एक जर्मन हैंगर टेंट लगाया गया है,जिसमें 5,000 लोगों तक की मेजबानी की जा सकती है। श्रध्दालुओं को भव्य कार्यक्रमों को देखने का अवसर मिलेगा,जिसमें मंडप और यज्ञशाला में प्रतिदिन आयोजित होने वाले शास्त्रीय सांस्कृतिक प्रदर्शन,अनुष्ठान और रामकथा प्रवचन शामिल हैं।