झारखंड कैबिनेट में पेसा कानून पास होने पर झामुमो ने निकाली आभार यात्रा आदिवासियों के सर्वांगीण विकास व संस्कृति संरक्षण की दिशा में ऐतिहासिक कदम:संजीव बेदिया

झारखंड कैबिनेट में पेसा कानून पास होने पर झामुमो ने निकाली आभार यात्रा

आदिवासियों के सर्वांगीण विकास व संस्कृति संरक्षण की दिशा में ऐतिहासिक कदम:संजीव बेदिया

27 Dec 2025 |  12

 



 पूर्वांचल सूर्य प्रतिनिधि,हजारीबाग।झारखंड कैबिनेट द्वारा पंचायत एक्सटेंशन टू शेड्यूल्ड एरिया(पेसा) कानून पारित किए जाने के बाद शुक्रवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से हजारीबाग में भव्य आभार यात्रा निकाली गई।आभार यात्रा में पारंपरिक वेशभूषा में सजी महिलाएं,ढोल-नगाड़ा,मांदर जैसे पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ झूमर नृत्य करती हुईं नजर आईं।यात्रा में झामुमो के बड़ी संख्या में कार्यकर्ता, पदाधिकारी और समर्थक शामिल हुए।



आभार यात्रा की शुरुआत जिला स्कूल चौक स्थित पुराने समाहरणालय परिसर से हुई।यह यात्रा इंद्रपुरी चौक,झंडा चौक,बंशीलाल चौक,पुराना बस स्टैंड चौक और जिला परिषद चौक से होते हुए पुराने समाहरणालय पहुंचकर संपन्न हुई। पूरे मार्ग में कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के समर्थन में नारे लगाए और पेसा कानून को आदिवासी समाज के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि बताया।



इस अवसर पर झामुमो जिला अध्यक्ष संजीव बेदिया ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झारखंड कैबिनेट द्वारा पेसा कानून पारित किया जाना आदिवासी समाज के अधिकारों को मजबूती देने वाला ऐतिहासिक निर्णय है। संजीव ने कहा कि इस कानून के लागू होने से झारखंड में आदिवासियों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित होगा और उनकी पारंपरिक संस्कृति, रीति-रिवाज और सामाजिक व्यवस्था को संवैधानिक संरक्षण मिलेगा।



संजीव बेदिया ने कहा कि पेसा कानून के तहत अब ग्रामसभा को अधिक अधिकार प्राप्त होंगे। गांव से जुड़े विकास कार्यों, जल-जंगल-जमीन, खनिज संसाधनों और सामाजिक मुद्दों पर निर्णय लेने में ग्राम सभा की भूमिका निर्णायक होगी। इससे गांव के लोग स्वयं अपने विकास की दिशा तय कर सकेंगे और बाहरी हस्तक्षेप पर रोक लगेगी।



झामुमो जिला सचिव नीलकंठ महतो ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रति आभार व्यक्त किया। नीलकंठ ने कहा कि पेसा कानून वर्ष 1996 में बना था,लेकिन लंबे समय तक इसे झारखंड में प्रभावी रूप से लागू नहीं किया जा सका। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस कानून को कैबिनेट से पारित कर यह साबित कर दिया है कि उनकी सरकार आदिवासी हितों, स्वशासन और झारखंड के समग्र विकास के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है।



केंद्रीय सदस्य सुनील शर्मा ने कहा कि पेसा कानून के लागू होने से आदिवासी समाज को उनके संवैधानिक अधिकार मिलेंगे और लोकतंत्र की जड़ें गांव-गांव तक मजबूत होंगी। यह निर्णय आने वाली पीढ़ियों के लिए भी मील का पत्थर साबित होगा।



बता दें कि आभार यात्रा के दौरान पूरे क्षेत्र में उत्सव जैसा माहौल देखने को मिला।लोगों ने ढोल-नगाड़ों की थाप पर नृत्य करते हुए सरकार के इस फैसले का स्वागत किया और इसे झारखंड के आदिवासी इतिहास का स्वर्णिम अध्याय बताया।यात्रा में जिला अध्यक्ष संजीव बेदिया,जिला सचिव नीलकंठ महतो, केंद्रीय सदस्य सुनील शर्मा, सोनाराम मांझी, गौरव पटेल, विकास राणा, संजय सिंह, जिला प्रवक्ता कुणाल यादव, सतीश दास समेत कई अन्य लोग शामिल थें।


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